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2026 में इन 8 उभरती टेक्नोलॉजीज का रहेगा दबदबा, 40 से ज्यादा उद्योगों पर पड़ेगा असर

Emerging Technologies 2026: अगले साल कई नई उभरती टेक्नोलॉजीज दुनियाभर की इंडस्ट्रीज पर अपना असर डालने वाली हैं। इनमें से एक कोबोट्स और पॉली-फंक्शनल रोबोट्स भी है। कोबोट का मतलब ऐसे रोबोट से है, जो मनुष्यों के साथ मिलकर काम करता है।

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भारत

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Pawan Jayaswal

Dec 15, 2025

Emerging Technologies 2026

अगले साल कई नई तकनीकें इंडस्ट्रीज में यूज होंगी। (PC: AI)

अगर यह कहें कि साल 2025 AI के जनरलाइजेशन का साल रहा है, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक सभी आज अपने फोन पर चैटजीपीटी चला रहे हैं। साल 2026 में उभरती टेक्नोलॉजीज मानव जीवन ही नहीं, बल्कि उद्योगों में भी बड़ा बदलाव लाने वाली हैं। भारी उद्योग से लेकर प्रोसेस इंडस्ट्रीज और सर्विस इंडस्ट्रिज तक करीब 40 से ज्यादा इंडस्ट्रीज में ये टेक्नोलॉजीज बड़ा असर डालने वाली हैं। ऑटोमेशन, ऑपरेशनल एफिशिएंसी, रिमोट मॉनिटरिंग, हाइपर-पर्सनलाइजेशन और क्वालिटी कंट्रोल जैसी कई चीजों में उद्योगों को फायदा होगा। आइए इन टेक्नोलॉजीज के बारे में जानते हैं।

कोबोट्स और पॉली-फंक्शनल रोबोट्स

2025 तक ग्लोबल कोबोट सेल्स 7.35 लाख यूनिट तक पहुंचने की उम्मीद है। जबकि इंडस्ट्रियल रोबोट्स की इंस्टॉलेशन संख्या 43 लाख से अधिक हो चुकी है। केस स्टडी बताती है कि कोबोट्स वेल्डिंग में 200% और मशीन टेंडिंग में 600% तक प्रोडक्टिविटी बढ़ाते हैं। यह आने वाले समय में मल्टीपर्पज ऑटोमेशन का संकेत दे रहा है। कोबोट का मतलब Collaborative Robot से है। यानी ऐसे रोबोट जो मनुष्यों के साथ मिलकर काम करते हैं।

एडवांस रिन्यूएबल एनर्जी

क्लीन एनर्जी में ग्लोबल इन्वेस्टमेंट पिछले साल 2 लाख करोड़ डॉलर रहा था। 2025 में इसके 3.3 लाख करोड़ डॉलर रहने का अनुमान है। फ्यूजन और ग्रीन हाइड्रोजन में हो रही प्रोग्रेस संकेत दे रही है कि अगली पीढ़ी की रिन्यूएबल टेक्नोलॉजी पायलट से प्रॉफिट की स्टेज में जा रही है।

AI एजेंट्स और जेनरेटिव AI

जेनरेटिव AI अब 49% IT CEOs की रणनीति का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। 2025 तक इस पर वैश्विक खर्च 644 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। 2025 तक 25% एंटरप्राइजेज में एजेंटिक AI के पायलट प्रोजेक्ट शुरू होने की उम्मीद है।

एडवांस्ड कंप्यूटिंग

AI के कारण बिजली की मांग सालाना 50% की दर से बढ़ रही है, जिससे एनर्जी-एफिशिएंट कंप्यूटिंग बेहद जरूरी हो गई है। क्वांटम सिस्टम यूटिलिटी-स्केल वैल्यू की ओर बढ़ रहे हैं। 2030 तक क्वांटम मार्केट 7.3 अरब डॉलर और 2034 तक न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग के 47 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। ये अगली पीढ़ी की कंप्यूटिंग की बैकबोन के रूप में उभर रहे हैं।

ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCIs)

अमेरिका में करीब 1 करोड़ संभावित इम्प्लांट कैंडिडेट्स और वैश्विक स्तर पर 2 करोड़ क्रॉनिक SCI मरीजों के साथ BCI अब लैब से निकलकर क्लिनिक और कंज्यूमर एडोप्शन तक जा रहा है। साल 2030 तक ग्लोबल BCI मार्केट 6.5 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।

स्पेशियल कंप्यूटिंग और एक्सटेंडेड रियलिटी

साल 2030 तक ग्लोबल XR रेवेन्यू 1.07 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। साल 2029 तक AR/VR शिपमेंट्स 38.6% CAGR से बढ़ेगा। प्रोडक्टिविटी केस स्टडीज मैन्यूफैक्चरिंग ट्रेनिंग में 32 फीसदी की उत्पादकता वृद्धि बताती है। वॉलमार्ट ने भी वर्कफोर्स ट्रेनिंग के लिए 17,000 VR हेडसेट्स तैनात किए हैं।

नैनोटेक्नोलॉजी

साल 2024 में नैनोटेक स्टार्टअप्स ने 123 डील्स के जरिए 1.5 अरब डॉलर जुटाए हैं। नैनोमेडिसिन मार्केट 2030 तक 410 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। ग्राफीन उत्पादन 1,70,000 टन सालाना तक पहुंचने की उम्मीद है।

6G और नेक्स्ट-जेन कनेक्टिविटी

6G टेराबिट-पर-सेकंड डेटा रेट, माइक्रोसेकंड लेटेंसी और सेंटीमीटर-लेवल प्रिसिजन का वादा करता है। यह 5G एडवांस्ड पर आधारित AI-नेटिव और एनर्जी-इलास्टिक नेटवर्क्स को आगे बढ़ाएगा। NTT ने 280 Gbps टेराहर्ट्ज डेमो और चीन ने 1.26 किमी दूरी पर 84 Gbps स्पीड हासिल की है। EU और US Hexa-X-II और Next G Alliance जैसी पहल में भारी निवेश कर रहे हैं।