scriptयहां के जलाशयों पर गूंजने लगा मेहमान परिंदों का कलरव, करीब 5 माह तक रहेगा पड़ाव, पढ़े पूरी खबर | The chirping of the guest birds started resonating on the reservoirs here, they will stay for about 5 months, read the full news | Patrika News
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यहां के जलाशयों पर गूंजने लगा मेहमान परिंदों का कलरव, करीब 5 माह तक रहेगा पड़ाव, पढ़े पूरी खबर

मेनार वेटलैंड पर जमने लगी जमघट, 150 से अधिक प्रजाति के पक्षी का रहता है आगमन

उदयपुरNov 05, 2024 / 08:42 pm

Shubham Kadelkar

मेनार तालाब पर उड़ान भरते कॉमन क्रेन पक्षी

मेनार (उदयपुर). जिले के विश्व विख्यात मेनार वेटलैंड कॉम्प्लेक्स क्षेत्र मे सात समंदर पार से मेहमान पक्षियों का शीतकालीन प्रवास के लिए पहुंचना शुरू हो चुका है। बर्ड विलेज मेनार सहित उदयपुर जिला अंचल के तालाब , जलाशयों एवं पोखर में यूरोप, साइबेरिया सहित शीत प्रदेशों से आने वाले मेहमान परिंदों ने धीरे धीरे पड़ाव डालना शुरू कर दिया है। पक्षी मित्रों का मानना है कि इस बार कुछ सप्ताह देरी से पक्षियों का आगमन हुआ है। प्रतिवर्ष मेनार तालाब पर देसी-विदेशी 150 से अधिक प्रजातियों के पक्षी देखने को मिलते हैं। वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स और पक्षी विशेषज्ञों का दल मेनार पहुंचा, जिन्होंने मेनार के दोनों तालाब पर मौजूद देसी-विदेशी पक्षियों की टोह ली। वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर कपिल शर्मा और देवेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि मेनार पक्षी विहार परिक्षेत्र के जलाशयों का निरीक्षण कर पक्षियों की अठखेलियां देखी और अभी तक पहुंचे विदेशी पक्षियों की पहचान की। अभी शुरुआत में मेनार तालाब पर सुर्खाब, कॉमन क्रेन, गेडवाल, गार्गेनी, नॉर्दन शोवलर, ब्लैक टेल्ड गोडविट, मार्श हैरियर सहित एक दर्जन से अधिक प्रजाति के पक्षी देखे गए हैं।

4 से 5 महीने रहता है प्रवास

मेनार के दोनों जलाशय पर भोजन की प्रचुर उपलब्धता के कारण पक्षी हर साल यहां विचरण को आते हैं। मेनार क्षेत्र में किसी भी जलाशय पर मछली पालन नहीं होता है। इन जलाशयों के पानी को सिंचाई के लिए उपयोग में नहीं लिया जाता है। इन प्रवासी पक्षियों के आने का क्रम अक्टूबर माह में शुरू हो जाता है, जो नवंबर के अंत तक जारी रहता है। कभी दिसम्बर के शुरुआत में भी यहां पहुंचते हैं। इनके जाने का क्रम यहां की परिस्थितियों पर निर्भर रहता है। अमूमन मार्च-अप्रेल में चले जाते हैं। सर्दी के मौसम में ये करीब 4 से 5 महीने यहीं रुकते है। ये सिर्फ फीडिंग के लिए यहां पहुंचते है।

बर्ड विलेज मेनार में ये परिंदे आते हैं प्रवास पर

मेनार के धण्ड तालाब पर अमूमन अक्टूबर माह के अंतिम दिनों में ही पक्षियों का आना शुरू हो जाता है। इस दौरान सर्दियो में मेनार क्षेत्र में ग्रेटर फ्लेमिंगो, बार हेडेड गुज, कॉमन क्रेन, पोचार्ड, ऑस्प्रे, डॉलमिशीयन पेलिकन, रोजी पेलिकन, रिवर टर्न, ब्ल्यू थ्रोट, रेड नेप्ड आइबिस, इजिप्शयन वल्चर, वूली नेक्टड, पेंटेड स्टार्क, रुडी शेलडक, ब्लैक आइबीज, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रेब, ग्रे लेग गूज, गैडवाल, यूरोशियन विजन, स्पॉट बिल्ड डक, कामन पोचार्ड, टफ्ड डक, पर्पल स्वेप हेन, कामन मोरहेन, कामन कूट, रीवर लेपविंग, मार्श हेरियर, लिटिल ग्रेब, डारटर, लिटिल कोरमोरेंट, लिटिल इ ग्रेट, ग्रेट इ ग्रेट, ग्रे हेरोन, पर्पल हेरोन, किंगफिशर, व्हाइट थ्रोटेड किंगफिशर, शॉर्ट इयर्डआउल सहित 150 से अधिक देसी-विदेशी प्रजातियों के परिंदे प्रवास पर आते हैं।

पढ़े पूरी खबरइन दिनों पर्यटकों का भी रहता है जमावड़ा

मेनार तालाब वेटलैंड कॉम्प्लेक्स में पक्षियों की अठखेलियां देखने और उन्हें कैमरे में कैद करने बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। आम तौर पर अक्टूबर माह से प्रवासी पक्षियों का आना शुरू हो जाता है और फरवरी अंत या मार्च तक पक्षी मेनार के जलाशयों में रहते हैं।

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