4 से 5 महीने रहता है प्रवास
मेनार के दोनों जलाशय पर भोजन की प्रचुर उपलब्धता के कारण पक्षी हर साल यहां विचरण को आते हैं। मेनार क्षेत्र में किसी भी जलाशय पर मछली पालन नहीं होता है। इन जलाशयों के पानी को सिंचाई के लिए उपयोग में नहीं लिया जाता है। इन प्रवासी पक्षियों के आने का क्रम अक्टूबर माह में शुरू हो जाता है, जो नवंबर के अंत तक जारी रहता है। कभी दिसम्बर के शुरुआत में भी यहां पहुंचते हैं। इनके जाने का क्रम यहां की परिस्थितियों पर निर्भर रहता है। अमूमन मार्च-अप्रेल में चले जाते हैं। सर्दी के मौसम में ये करीब 4 से 5 महीने यहीं रुकते है। ये सिर्फ फीडिंग के लिए यहां पहुंचते है।
बर्ड विलेज मेनार में ये परिंदे आते हैं प्रवास पर
मेनार के धण्ड तालाब पर अमूमन अक्टूबर माह के अंतिम दिनों में ही पक्षियों का आना शुरू हो जाता है। इस दौरान सर्दियो में मेनार क्षेत्र में ग्रेटर फ्लेमिंगो, बार हेडेड गुज, कॉमन क्रेन, पोचार्ड, ऑस्प्रे, डॉलमिशीयन पेलिकन, रोजी पेलिकन, रिवर टर्न, ब्ल्यू थ्रोट, रेड नेप्ड आइबिस, इजिप्शयन वल्चर, वूली नेक्टड, पेंटेड स्टार्क, रुडी शेलडक, ब्लैक आइबीज, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रेब, ग्रे लेग गूज, गैडवाल, यूरोशियन विजन, स्पॉट बिल्ड डक, कामन पोचार्ड, टफ्ड डक, पर्पल स्वेप हेन, कामन मोरहेन, कामन कूट, रीवर लेपविंग, मार्श हेरियर, लिटिल ग्रेब, डारटर, लिटिल कोरमोरेंट, लिटिल इ ग्रेट, ग्रेट इ ग्रेट, ग्रे हेरोन, पर्पल हेरोन, किंगफिशर, व्हाइट थ्रोटेड किंगफिशर, शॉर्ट इयर्डआउल सहित 150 से अधिक देसी-विदेशी प्रजातियों के परिंदे प्रवास पर आते हैं।
पढ़े पूरी खबरइन दिनों पर्यटकों का भी रहता है जमावड़ा
मेनार तालाब वेटलैंड कॉम्प्लेक्स में पक्षियों की अठखेलियां देखने और उन्हें कैमरे में कैद करने बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। आम तौर पर अक्टूबर माह से प्रवासी पक्षियों का आना शुरू हो जाता है और फरवरी अंत या मार्च तक पक्षी मेनार के जलाशयों में रहते हैं।