स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की तर्ज पर विकसित हो यह स्थान
राज्यपाल ने कहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की तर्ज पर यहां भी स्टैच्यू ऑफ इंडिपेंडेंस स्थापित किया जा सकता है। इससे इस स्थान पर पर्यटक भी आकर्षित होंगे। महाराणा के जीवन से प्रेरणा ले पाएंगे।
राजस्थान शूरवीरों की धरती
उन्होंने मुहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान के बीच के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि राजस्थान शूरवीरों की धरती है। कई पराक्रमी योद्धाओं ने जन्म लिया है। उन्होंने भारतीय संस्कृति का बखान करते हुए कहा कि ऐतिहासिक कालखंड में संस्कृति को डूबाने के कई प्रयास हुए, फिर भी यह अटूट रही। इसका कारण महाराणा प्रताप जैसे वीर योद्धा ही है।
छतरी पर अर्पित किए श्रद्धासुमन
इससे पहले राज्यपाल ने बडोली स्थित महाराणा प्रताप की समाधि की छतरी पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस दौरान सलूम्बर विधायक शांता देवी, तख्तसिंह शक्तावत, नरेन्द्र मीणा समेत पदाधिकारी रहे।
हेलीपैड पर स्वागत
राज्यपाल के चावंड स्थित हेलीपैड पर पहुंचने पर स्थानीय विधायक, जिला कलक्टर अवधेश मीणा, पुलिस अधीक्षक राजेश यादव, अतिरिक्त जिला कलक्टर राजलक्ष्मी गहलोत, भगवती लाल आमेटा ने अगवानी की। इसके बाद राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। राज्यपाल ने हेलीपैड के पास स्थित चामुंडा माता मंदिर में पूजा की।अध्यक्षता महाराणा प्रताप स्मारक समिति के अध्यक्ष भगवती प्रसाद आमेटा ने की। इस दौरान समिति के सदस्यों ने कहा कि राष्ट्र गौरव महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि को स्कूलों में स्वाभिमान दिवस के रूप में मनाया जाएं। राज्य सरकार की शिविरा में महाराणा प्रताप की जयंती मनाने का उल्लेख है, लेकिन उस समय ग्रीष्मकालीन अवकाश होने से छात्र-छात्राएं जयंती मना नहीं पाते है। माघ शुक्ला एकादशी को महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि को स्वाभिमान दिवस के रूप में स्कूलों में मनाया जाएं। इसे शिविरा कैलेंडर में शामिल किया जाएं।