कम समय बचा, चार माह में 16 करोड़ चाहिए, दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी का मामला आया
उज्जैन. महज 20 माह के एक मासूम की जान बचाने के लिए करोडों रूपए की दरकार है. मासूम अपनी बीमारी से अनजान है। उसे यह भी नहीं पता कि उसकी उम्र के बच्चे चल सकते हैं और वो ठीक से बैठ भी नहीं पाता। वह दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी ;एसएमए.2 का शिकार है जिसका इंजेक्शन 16 करोड़ में आता है। बच्चे को बचाने के लिए पिता हर उपाय कर रहे हैं पर यह राशि जुटाना उनके लिए असंभव है. इसीलिए उन्होेंने बेटे की जान बचाने के लिए सरकार से अपील की है.
कुछ महीने में अगर 16 करोड़ रुपए का इंतजाम नहीं हुआ तो शायद उसकी कोमल मुट्ठी माता.पिता की अंगुली पकड़ना छोड़ सकती है। इलाज के लिए इतनी बड़ी राशि की व्यवस्था करना माता.पिता के लिए असंभव है इसलिए उन्होंने सरकार व शहर से गुहार लगाई है।
कानीपुरा तिरुपतिधाम निवासी पवन पंवार एक निजी कपनी में काम करते हैं। उनकी कुल आय 20.25 हजार रुपए मासिक है। पवन ने बताया कि उक्त इंजेक्शन अमेरिका की कंपनी द्वारा बनाया जाता है जिसके उपयोग से बच्चे को स्वस्थ किया जा सकता है। इसकी कीमत 16 करोड़ है।
पिता पवन पंवार ने बेटे की जान बचाने के लिए लोगों से भी दान देने की गुहार लगाई - बच्चे को बचाने के लिए पिता हर संभव उपाय कर रहे हैं पर यह राशि जुटाना उनके लिए असंभव है. इसीलिए उन्होेंने अपने बेटे की जान बचाने के लिए सरकार से अपील की है. पिता पवन पंवार ने बेटे की जान बचाने के लिए लोगों से भी दान देने की गुहार लगाई है.