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कम समय में बेहतर उत्पादन देने वाले विभिन्न किस्मों के बीज बने किसानों की पसंद

अतिवृष्टि, वायरस और किटाणु से सोयाबीन बचाने को महंगे बीजों पर किसान का फोकस

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Farmers' choice of different varieties of seeds that give better produ

अतिवृष्टि, वायरस और किटाणु से सोयाबीन बचाने को महंगे बीजों पर किसान का फोकस

नागदा. बेहतर उत्पादन की उम्मीद में किसान सोयाबीन लगाता है, लेकिन इस बीच अतिवृष्टि, वायरस, किटाणु किसान के लिए चुनौती बनकर उभरते हैं। कमजोर किस्म के बीजों की बदौलत किसान प्राकृतिक चुनौतियों से लडऩे में नाकाम रहता है। नतीजा- फसल आने से पहले ही किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर जाता है।
किसान ने नए किस्म के बीज लगाकर इस साल की बोवनी को खास बनाया है। किसान इस बार पूरे मुड़ में हैं कि वह नए किस्म के बीजों के हथियार से सोयाबीन उत्पादन में आने वाली अतिवृष्टि, वायरस, किटाणु लगने जैसी तमाम चुनौतियों को पार कर लेगा। इसीलिए उसका फोकस महंगे किस्म के बीजों पर हैं। कम समय में बेहतर उत्पादन देने वाले, मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले बीज जेएसके, एनआरसी, आरवीएस की विभिन्न किस्मों के बीज किसानों ने खरीदकर अपने खेतों में बोएं हैं। किसानों का दावा है कि इन किस्मों के बीजों की बदौलत वे अपनी सोयाबीन की फसल को बेहतर बनाएंगे।
क्षेत्र में 21 से 23 जून के अंतराल में बोवनी हो चुकी हैं। इसी बीच अब बारिश को लेकर भी चेतावनियां मौसम विभाग ने जारी कर रखी हैं। मंगलवार तक चौबीस घंटे में क्षेत्र में लगभग 2 इंच बारिश होने के बाद अगले चौबीस घंटे में येलो अलर्ट जारी किया हैं। मंगलवार दिनभर मौसम साफ रहने के बाद शाम को बारिश हुई। किसानों का मानना है कि यह बारिश उनकी सोयाबीन की फसलों के लिए अमृत समान होगी। पिछले साल सोयाबीन को जिस तरह से नुकसान हुआ था, उससे ये माना जा रहा था कि किसान सोयाबीन कम ही लगाएगा। मगर किसानों में बढ़ी नई वैरायटियों के बीजों के प्रति दिलचस्पी को देखते हुए नागदा-खाचरौद ब्लॉक के पिछले साल और इस साल के सोयाबीन के रकबे में बहुत ज्यादा अंतर नहीं आया हैं।
उदाहरण...70 बीघा के खेत में अलग-अलग वैरायटियां
ग्राम अजीमाबाद पारदी के किसान अजय आंजना ने अपने लगभग 70 बीघा के खेत में अलग-अलग वैरायटी के बीज लगाएं हैं। अजय ने बताया कि उन्होंने अपने 20 बीघा के खेत में जेएस 2218, 20 बीघा में आरवीएस 1110 सहित बाकी में अन्य वैरायटियां लगाई हैं। अजय के अनुसार उन्होंने केवल बीजों पर दो से ढाई लाख रुपए खर्च किए हैं। इसी तरह ग्राम रोहलकलां के किसान सेवाराम, राहुल, विनोद, संदीप ने भी कृषि विभाग के 9560 के बीज के अलावा आरवीएस की 18, 24, 1135, 9041, ब्लैक बोल्ड किस्म के बीज लगाएं हैं।
ये बीज लगाएं और ये इनकी विशेषता
जेएसके-2172: कम बीज डलता है फूटाव अधिक होता है। 100 दिन की लंबी वैरायटी।
जेएसके- 2218: कम समय में अधिक उत्पादन होता है। वायरस का खतरा नहीं रहता।
एनआरसी-150: कम समय में अधिक उत्पादन, हार्वेस्टिंग से कटाई बेहतर होती। पीला मैजक, स्टेम फ्लाय आदि रोगों से लडऩे की क्षमता अधिक होती है। बीज सॉफ्ट है।
आरवीएस-1110: 100 दिन की वैरायटी है, उत्पादन अच्छा होता है। जलभराव, नमी वाली जगहों में ये वैरायटी सक्सेस है।