शारीरिक प्रस्तुति में युद्धकला
सम्मेलन में दूसरे दिन रविवार सुबह शारीरिक प्रस्तुति हुई। इसमें तहत योग, सूर्य नमस्कार, मलखम्ब, योग शिखर आदि का संगीतमय प्रदर्शन किया गया। जोधपुर राजस्थान की वीर लोंकाशाह संस्कृत ज्ञानपीठ के बच्चों द्वारा युद्धकला कलरीपयटू का प्रदर्शन किया। इसे लोगों ने काफी पसंद किया। इसके अलावा कर्णावती गौ विद्यार्थियों के द्वारा मलखंभ, महाराष्ट्र रत्नागिरी, बाबा साहेब नानाल गुरूकुल के बच्चों के द्वारा योग पिरामिड, कर्णावती के हेमचन्द्राचार्य संस्कृत पाठशाला के बच्चों के द्वारा पोल मलखंभ एवं जिमनास्टिक, तथा उज्जैन के अच्युतानंद प्रासादिक गुरूकुल के बच्चों के द्वारा योग की शानदार प्रस्तुतियां की गई।
शारीरिक स्वास्थ्य का काफी महत्व
गुरुकुल शिक्षा में शारीरिक स्वास्थ्य का विशेष महत्व है। शरीर स्वस्थ हो तो मन-तन स्वस्थ हो जाते हैं। हम शिक्षा के अर्थों को ग्रहण करने लगते हैं। पंच कोष के अन्नमय विकास में शारीरिक का बड़ा महत्व है। इसी पर आधारित प्रदर्शन अन्तर्राष्ट्रीय विराट गुरुकुल सम्मेलन में किया गया। सम्मेलन में बताया गया कि अस्वस्थता के चलते काफी क्षमतावान विद्यार्थी भी काफी पीछे रह जाते है।