सोमवार को शाम 4 बजे सवारी के साथ ही भगवान महाकाल नगर भ्रमण पर निकले। भगवान महाकालेश्वर मनमहेश स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए शाही ठाट-बाट के साथ नगर भ्रमण कर रहे हैं।
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इससे पहले सभामंडप में भगवान मनमहेश का विधिवत पूजन-अर्चन किया गया। इसके पश्चात रजत पालकी में विराजित होकर भगवान अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित मनमहेश को सलामी दी गई
इसके बाद राजाधिराज बाबा महाकाल की शाही सवारी अपने परंपरागत मार्ग गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी़ होते हुए रामघाट पहुंची। यहां मां शिप्रा के जल से भगवान मनमहेश का अभिषेक उपरांत सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, कार्तिक चौक, सत्यनारायण मंदिर टंकी चौराहा, तेलीवाड़ा, कंठाल चौराहा, सती गेट, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।
प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि यह सवारी करीब 7 किमी की रहती है। महाकाल की सवारी का रास्ते भर स्वागत किया जा रहा है। शाही सवारी पर महाकाल का दर्शन करने के लिए देशभर से लाखों भक्त यहां आए हैं।
पालकी निकलते ही दोनों तरफ से महाकाल पर पुष्प वर्षा की गई। पालकी के साथ चल रहे भक्तों पर भी पुष्प बरसाए गए। व्यापारियों ने अपने-अपने प्रतिष्ठानों के सामने आकर्षक विद्युत सज्जा भी की।