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डेढ़ लाख लोगों को रोज इंदौर जाने-आने के लिए मेट्रो जरूरी, सिंहस्थ तो समय का टारगेट

- डीएमआरसी के सर्वे में उज्जैन व सांवेर के साथ आसपास कस्बों से प्रतिदिन इंदौर आवागमन पर रेल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम बताया मेट्रो से बेहतर

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Metro within Ujjain-Indore before Sihanstha Mahakaleshwar MP

Metro within Ujjain-Indore before Sihanstha Mahakaleshwar MP

उज्जैन.
इंदौर-उज्जैन के बीच मेट्रो के लिए सर्वे शुरू होने के बाद यह बात सामने आई कि उज्जैन समेत बीच के कस्बों के लगभग १.५ लाख लोगों प्रतिदिन इंदौर जाना-आना होता है। इसको देखते हुए प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट के बाद डीएमआरसी ने दोनों शहरों को जोडऩे के लिए रेल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम(आरआरटीएस) की संभावना जताई है। इंदौर में मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर का काम तेजी से चल रहा है। वहीं सीएम की घोषणा पर अब उज्जैन-इंदौर के बीच जल्द ही आरआरटीएस का काम शुरू होने की संभावनाएं तेज हो गई है। अच्छे ट्रेफिक से वैसे भी मेट्रो जरूरी और फायदेमंद होगी। वहीं सीएम की घोषणा से सिंहस्थ से पहले की समय सीमा इसके लिए टरागेट तय कर गई है। इसको लेकर डीएमआरसी ने लगभग सर्वे पूरा कर लिया, जिसकी रिपोर्ट के बाद डीपीआर तैयार होगी और उसके बाद राज्य व केंद्र सरकार अपने हिस्से के साथ ही काम शुरू करेंगे।
गौरतलब है कि उज्जैन से सांवरे, धरमपुरी होते हुए इंदौर का करीब ५० किमी का रास्ता तेज गति से तय करने के लिए काफी समय से कवायद चल रही है। पहले बीआरटीएस फिर मेट्रो..और अब दोनों शहरों को जोडऩे के लिए आरआरटीएस की स्थिति बन रही है। इसी तेज गति से मेट्रो विस्तार के लिए ट्रैक का सर्वे कर फिजिबिलिटी रिपोर्ट भी बन रही है। करीब दो सप्ताह पहले दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की टीम प्रभारी अधिकारी एसडी शर्मा के नेतृत्व में उज्जैन से इंदौर तक का सर्वे कर गई है। टीम ने आरआरटीएस के लिए ट्रैक का दौरा किया। उज्जैन व सांवेर के समीप डिपो के लिए दो-तीन लोकेशन भी देखी, जिसमें उज्जैन के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के पास वाली जमीन भी शामिल है। इसके बनने से इंदौर मेट्रो के साथ दोनों शहरों को रैपिड मॉस ट्रांजिट का हाई स्पीड सिस्टम मिल सकेगा। इससे उज्जैन-इंदौर के बीच का सफर 40 से 45 मिनट में तय हो सकेगा। मेट्रो कॉर्पोरेशन के अधिकारियों का कहना है कि टीम दोनों तरह के सिस्टम का अध्ययन कर रही है। जल्द ही इनकी अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।