उज्जैन

महाकाल को छूने और जल अर्पण के लिए 1500 शुल्क ले रहे, ये तो अन्याय है

शिवराजसिंह सरकार से नाराज हुए मिर्ची बाबा महामंडलेश्वर स्वामी वैराज्ञानंद गिरी महाराज

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Apr 07, 2022
मिर्ची बाबा

उज्जैन। भगवान महाकाल के दर्शन करने देशभर से भक्त मंदिर आते हैं। उनको स्पर्श कराने, एक लोटा जल अर्पण करने के नाम पर 1500 रुपए लिए जाते हैं। यह तो अन्याय है...जबकि बाबा के दर्शन तो नि:शुल्क रूप से ही कराए जाना चाहिए, उसके लिए क्या रुपए लेना। देश के अन्य किसी भी बड़े मंदिर में ऐसा शुल्क नहीं लिया जाता, जो महाकाल मंदिर समिति ले रही। इस तरह से मध्यप्रदेश और बाबा महाकाल के दरबार की छवि धूमिल हो रही है। मैं इस मामले को कोर्ट तक ले जाऊंगा।

यह बात गुरुवार को शहर आए महामंडलेश्वर स्वामी वैराज्ञानंद गिरी महाराज (मिर्ची बाबा) ने कही। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के शासन काल में गौ-माताओं की स्थिति बड़ी दयनीय हो रही है। साथ ही महाकाल मंदिर में रुपए लेकर भगवान के दर्शनों की जो व्यवस्था प्रशासन ने लागू की है उसे अनुचित करार दिया। भगवान के दर्शन भक्तों को नि:शुल्क ही होना चाहिए। काशी विश्वनाथ में भी दर्शन नि:शुल्क हो रहे हैं तो उज्जैन में दर्शन के नाम पर जबरिया वसूली क्यों हो रही है। इस वसूली को तत्काल बंद होना चाहिए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे धर्म के नाम पर पापाचार कर रहे हैं और गौशाला और मंदिरों की आड़ में रुपया भाजपा के फंड में जा रहा है।

गाय बचेगी, तो देश बचेगा
मिर्ची बाबा ने मीडिया से चर्चा में कहा गाय बचेगी, तो देश बचेगा पर मप्र की गौशालाओं में सरकार की लापरवाही की वजह से अभी तक करीब दस हजार गायों की मृत्यु हुई है। कमलनाथ की सरकार में एक गाय पर 65 रुपए खर्च किए जाते थे पर अब शिवराज की भाजपा सरकार में 1 रुपए 65 पैसे खर्च हो रहे हैं और यह राशि भी विगत छह माह से गौशालाओं को नहीं दी गई है।

गौ माताओं की मौत पर राजनीति न हो
बैरसिया, धार, रीवा, मुरैना, ग्वालियर की गौशालाओं में सैकड़ों की संख्या में गौ-माताओं की मौतें हुई हैं, इन पर कृपा करके राजनीति न हो तो अच्छा रहेगा। गौ माता की मौत के आंकड़ों को सरकार के दबाव में दबाया गया है। महाराज ने कहा कि उज्जैन आने पर मैं नगर निगम द्वारा संचालित रत्नाखेड़ी की गौशाला सहित अन्य गौशालाओं का निरीक्षण करने भी गया था। यहां की गौशालाओं की स्थिति भी भयावह है। गायों को खाने के लिए घास तक की व्यवस्था नहीं है। हिंदू देश में गौमाता की इस दयनीय दशा के जिम्मेदारों को भगवान भी माफ नहीं करेगा।

Published on:
07 Apr 2022 10:40 pm
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