महाकाल में गर्भगृह में केमिकल युक्त गुलाल के कारण आग भड़की। अंदर उपस्थित 16 लोग इसकी चपेट में आ गए। आग में झुलसे पुजारियों और सेवकों में से 9 लोगों को इंदौर रेफर किया गया है। बाकी घायलों का उज्जैन में ही इलाज चल रहा है।
जब मंदिर में आगजनी हुई तब मुख्यमंत्री मोहन यादव की पत्नी, बेटी और बेटा भी वहां उपस्थित थे हालांकि ये सभी लोग सुरक्षित हैं। महाकाल मंदिर में आग की खबर लगते ही सीएम डा. मोहन यादव उज्जैन के लिए रवाना हो गए।
होली के दिन महाकाल मंदिर में भक्तों की खासी गहमागहमी थी। भस्म आरती के बाद गर्भगृह में जब परंपरागत गुलाल खेला जा रहा था, तभी वहां अचानक आग लग गई। घटना के बाद अफरा-तफरी मच गई। पुजारी आशीष शर्मा ने बताया कि महाकाल मंदिर में परंपरागत होली खेली जा रही थी तभी गुलाल के कारण गर्भगृह में आग फैल गई। इसमें जो लोग झुलसे हैं उनमें ज्यादातर मंदिर के पुजारी हैं।
महाकाल मंदिर में लगी आग में जो पुजारी और सेवक झुलसे हैं उनमें संजय गुरु, नानू गुरु, विकास गुरु, आनंद, मनोज, शिवम, कमल, मंगल, अंश पुरोहित, महेश शर्मा सेवक, चिंतामन गेहलोत आदि शामिल हैं। जिन लोगों को इंदौर रैफर किया गया है, वे ज्यादा झुलसे हैं। इनमें से कुछ लोगों की त्वचा बुरी तरह जल चुकी है। बताया जा रहा है कि इनमें से अधिकांश लोग 25 प्रतिशत तक झुलस चुके हैं लेकिन कोई भी गंभीर नहीं है।
राज्य सरकार ने 1—1 लाख रुपए देने की घोषणा की– राज्य सरकार ने महाकाल मंदिर में आगजनी की घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके साथ ही आग से घायल हुए लोगों को सहायता राशि देने की भी घोषणा की है। आगजनी से झुलसे लोगों को राज्य सरकार ने 1—1 लाख रुपए देने की घोषणा की।