MP News: मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में तारामंडल बनने से न केवल देश की खगोलीय विरासत को नया आयाम मिलेगा, बल्कि प्रदेशवासी भी तारों की रोमांचकारी दुनिया से परिचित हो सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) शनिवार को उज्जैन के डोंगला गांव में अत्याधुनिक डिजिटल तारामंडल (digital planetarium) के साथ वराहमिहिर खगोलीय वेधशाला (Varahamihir Astronomical Observatory) में राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ भी करेंगे।
इस कार्यशाला में देशभर से खगोलविद्, वैज्ञानिक शामिल होंगे। डोंगला में आचार्य वराहमिहिर न्यास द्वारा अवादा फाउंडेशन के आर्थिक सहयोग और कोलकाता के डीप स्काई प्लेनेटेरियम के तकनीकी मार्गदर्शन से तारामंडल तैयार किया गया है।
महिदपुर तहसील का ऐतिहासिक ग्राम डोंगला खगोल और ज्योतिष विज्ञान की दृष्टि से विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यहीं से कर्क रेखा गुजरती है। वर्ष 2013 में सीएम की पहल पर यहां वराहमिहिर खगोलीय वेधशाला की स्थापना हुई। वेधशाला को आइआइए बेंगलूरु व एसाइज नैनीताल का सहयोग मिला।
1.6 करोड़ रुपए की लागत से बने वातानुकूलित तारामंडल में 8 मीटर व्यास का एफआरपी डोम है, जिसमें ई-विजन 4 डिजिटल प्रोजेक्टर और डिजिटल साउंड सिस्टम लगाया गया है। एक समय में 55 लोग तारों की दुनिया का रोमांचकारी अनुभव ले सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव इस अवसर पर पद्मश्री डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर वेधशाला में शंकुयंत्र के जरिए शून्य छाया का अवलोकन भी करेंगे।
Published on:
21 Jun 2025 11:00 am