पतंजलि के संस्थापक आचार्य बालकृष्ण को विक्रमादित्य राष्ट्र विभूति सम्मान

– मानव सेवा तीर्थ ‘अंकित ग्राम’, सेवाधाम आश्रम में किया अलंकृत

<p>&#8211; मानव सेवा तीर्थ ‘अंकित ग्राम’, सेवाधाम आश्रम में किया अलंकृत</p>

उज्जैन। मानव सेवा तीर्थ ‘अंकित ग्राम’, सेवाधाम आश्रम में विश्व वंद्य वनस्पति विज्ञानी, पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार के संस्थापक-सचिव आयुर्वेद औषधियों की खोज और शोध के माध्यम से आयुर्वेद को पुर्नजीवित करने वाले अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के गौरव में अगुणित वृद्धि करने वाले आचार्य बालकृष्ण को ‘अंकित ग्राम’, सेवाधाम आश्रम के सेवांगन में शनिवार को वरिष्ठ पत्रकार, चिंतक एवं जन दक्षेस के संस्थापक-अध्यक्ष डॉ. वेद प्रताप वैदिक की अध्यक्षता में विक्रमादित्य राष्ट्र विभूति सम्मान से नवाजा गया।

इस मौके पर उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया, पूर्व मंत्री पारस जैन, कलेक्टर आशीष सिंह, उद्योगपति पवन सिंघानिया, कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे, जखनी के जलयोद्धा उमाशंकर पांडे, मणीन्द्र जैन आदि मौजूद रहे। कार्यकारी अध्यक्ष जैन इंटरनेशनल आर्गेनाईजेशन दिल्ली के माध्यम से विशाल विद्वत सभा में विक्रमादित्य राष्ट्र विभूति सम्मान से अलंकृत किया गया।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार टिल्लन रिझारिया, दिल्ली, लोकेश शर्मा, दिल्ली, अनाम प्रेम मुम्बई से दादाजी के अनेक भक्त सेवाधाम पहुंच चुके हंै। समारोह में अनाम प्रेम की मिताली कातरनीकर-प्रभुणे, स्पंदना तेली और प्रार्थना शिन्दे मुम्बई के साथ सेवाधाम के विशेष बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम-मलखम्ब आदि की प्रस्तुति के साथ आचार्य बालकृष्ण हर्बल उद्यान, दंगल टीवी इन्दौर के माध्यम से स्थापित विशेष बच्चों की स्मार्ट क्लास, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर बेघर-बेसहारा, दिव्यांग, कुपोषित, भिक्षावृत्ति, कैंसर, टीबी, एचआईवी, नशे लत के शिकार एवं विशेष बच्चों का सद्गुरू जीवन उन्नयन, फिजीयोथैरेपी केन्द्र के उन्नयन के साथ दंगल टीवी द्वारा प्रदत्त बीमार मरीजों की अच्छी देखरेख हेतु 100 चिकित्सकीय पलंग का लोकार्पण भी किया गया।

पत्रिका से विशेष बातचीत में कहा कि इसी माह मप्र सरकार के साथ बैठक भी होना है। जिसमें सोयाबीन, सरसों के बड़े ऑयल प्लांट बनाए जाने पर विचार-विमर्श किया जाएगा। मध्यप्रदेश के किसानों को आगे बढ़ाने के लिए डिजिटल एग्रीकल्चर के लिए पूरा डेटा और डॉक्युमेंटेशन के लिए भी सीएम से चर्चा की जाएगी। इस मीटिंग में प्रदेश के किसानों की समृद्धि और उन्नति के लिए प्रांतीय स्तर की बड़ी कार्ययोजना की प्लानिंग की जाएगी। कोरोना काल में आयुर्वेद ही सहारा बना। भीषण गर्मी में लोग ठंडा पेय नहीं, बल्कि काढ़ा पी रहे थे, यह विश्वास ही उन्हें मजबूत बनाने में कारगर रहा। आयुर्वेद तो प्राचीन काल से ही हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा सिद्ध है, लेकिन परिस्थितियों ने उस पर फिर से विश्वास बनाने में साथ दिया। देश में चौथी लहर यदि आती है, तो हम पहले की तरह फिर से तैयार हैं। वैक्सीन के बाद बूस्टर डोज के सवाल पर उन्होंने कहा कि यदि आप योग के माध्यम से अपना इम्युनिटी पॉवर बढ़ा लें, तो किसी डोज की जरूरत नहीं। इसके लिए तुलसी, गिलोय के अलावा प्राणायाम, लोम-विलोम आदि करते रहें।

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