MP News: सिंहस्थ बायपास को फोरलेन में बदलने के लिए टेंडर से पहले भू-अर्जन की प्रक्रिया की जा रही है। जबकि अब तक टेंडर होने के बाद भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू होती आई है। 19.81 किमी लंबे मार्ग के दोनों ओर किसानों से जमीन के लिए अधिसूचना जारी कर दावे-आपत्ति मांगे जा रहे हैं। टेंडर से पहले भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू करने को लेकर अधिकारियों का तर्क है कि इससे निर्माण करने में दिक्कत नहीं आएगी।
सिंहस्थ 2028 को देखते हुए सिंहस्थ बायपास को फोरलेन में तब्दील करने की स्वीकृति मिली है। मप्र सड़क विकास कॉर्पोरेशन ने मार्ग फोरलेन करने के लिए डीपीआर बना चुका है। इसके निर्माण में करीब 701 करोड़ रुपए की लागत का निर्धारण किया गया है, वहीं 11 दिसंबर 2024 को इसकी स्वीकृति भी मिल गई है। एमपीआरडीसी ने फोरलेन निर्माण के लिए टेंडर नहीं निकालते हुए पहले 19.81 किमी लंबे मार्ग पर भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू की है।
मार्ग में आने वाले गांव, कृषि भूमि को लेकर अधिसूचना जारी की जा चुकी है, वहीं किसानों से दावे-आपत्ति भी मंगाए जा रहे हैं। अधिकारियों की माने तो नवंबर से पहले भू-अर्जन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद टेंडर की प्रक्रिया होगी।
सिंहस्थ बायपास के फोरलेन में तब्दील करने में 9 ब्रिज बनाए जाएंगे तो 3 रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण होगा। इसके अलावा पूरे मार्ग पर 29 कल्वर्ट, 26 माइनर ब्रिज, 8 इंटरचेंजेस स्ट्रक्चर का निर्माण होगा।
सिंहस्थ बायपास के फोरलेन करने और भूमि-अधिग्रहण को लेकर विवाद की स्थिति भी सामने आ रही है। इंदौर फोरलेन से शिप्रा नदी के ब्रिज के यहां जमीन अधिग्रहण को लेकर आपत्ति है। यहां एक ओर ज्यादा जमीन ली जा रही है। ऐसे ही स्थिति आवासीय बस्ती वाले क्षेत्र में भी है।
सिंहस्थ बायपास के फोरलेन करने से पहले भू-अर्जन कर रहे हैं। नवंबर से पहले यह प्रक्रिया पूरी कर लेंगे। भू-अर्जन पहले होने से निर्माण करने में परेशानी नहीं आएगी।- एसके मनवानी, संभागीय प्रबंधक, एमपीआरडीसी
Published on:
06 Jul 2025 01:43 pm