
उज्जैन। जीवन के 16 संस्कारों में सबसे आखिरी संस्कार के लिए भी कोरोना गाइडलाइन का पालन जरूरी कर दिया गया है। क्राइससिस कमेटी की बैठक में आरटीपीसीआर (rt pcr test) की रिपोर्ट देखना जरूरी कर दिया गया है। इसके साथ ही उज्जैन जिले की सीमा में पिंडदान (pind daan) करने आने वाले लोगों को घाट क्षेत्र में जो संख्या अधिक हो सकती थी, उसे कंट्रोल करने का भी प्रयास किया जा रहा है।
श्री क्षेत्र पंडा समिति उज्जैन के अध्यक्ष पं. राजेश त्रिवेदी ने समिति ने बताया कि क्राइसिस कमेटी की ओर से आरटीपीसीआर जांच (rt pcr test) के साथ परिजन के अधिकतम दो लोगों की उपस्थिति में उत्तर विधान कर्म पूजन की स्वीकृति देकर सभी की सुरक्षा का ध्यान रखा गया है, जो स्वागत योग्य है। जैसे-तैसे महामारी का प्रकोप कम होगा, संपूर्ण देश से लोगों का जुड़ाव हो जाएगा। इस स्वीकृति पर समिति के पं. सोहन भट्ट महेंद्र दत्त शास्त्री, अखिलेश चौबे, संजय जोशी कुंडवाला, सतीश त्रिवेदी आदि ने आभार माना है।
पंडे-पुरोहितों ने भी किया फैसले का स्वागत
सिद्धनाथ एवं रामघाट पर पिंडदान कर्मकांड अस्थि विसर्जन की अनुमति देने पर आपदा प्रबधन कमेटी का धन्यवाद एवं आभार अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. सुरेंद्र चतुर्वेदी, महामंत्री तरुण उपाध्याय ने मंत्री मोहन यादव, विधायक पारस जैन, सांसद अनिल फिरोजिया, विभष उपाध्याय, कलेक्टर आशीष सिंह, एसपी सत्येंद्र शुक्ला समेत आपदा प्रबध समिति के सभी सदस्यों का सिद्धनाथ एवं रामघाट पर पिंडदान, अस्थि विसर्जन एवं कर्मकांड की अनुमति दिए जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए धन्यवाद दिया है।
Published on:
17 May 2021 02:07 pm
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