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आशीष एस. सक्सेना@उज्जैन. स्मार्ट सिटी की मृदा योजना अंतर्गत 97 करोड़ 71 लाख रुपए से रुद्रसागर को विदेशी झील की तरह संवारा जाएगा। साथ ही इसके आसपास विकास भी किया जाएगा। हालांकि इतनी राशि खर्च करने के बावजूद शहरवासियों की मांग, रुद्रसागर पर हैंगिंग या पैदल पुल को योजना से बाहर कर दिया गया है। इसके इतर कई नए निर्माण कार्यों को जरूर शामिल किया गया है।
योजना को पांच जोन में बांटा गया
रुद्रसागर क्षेत्र विकास के सौंदर्यीकरण व विकास के लिए हाल में स्मार्ट सिटी कंपनी ने मृदा के पहले फेज में टेंडर जारी कर दिया है। इस विकास योजना को पांच जोन में बांटा गया है, जिसमें रुद्रसागर के साथ ही करीब 300 मीटर के क्षेत्र में निर्माण कार्य होंगे। इसके अलावा पार्किंग जोन में पृथक से लगभग 29 करोड़ से मल्टी लेवल पार्किंग का निर्माण भी होगा। स्मार्ट सिटी योजना के इस महत्तवपूर्णू प्रोजेक्ट के मूर्तरूप लेने के बाद क्षेत्र की तस्वीर बदलने की उम्मीद है वहीं श्रद्धालुओं को कई नई सुविधा मिलने और पर्यटन विकास में बढ़ोतरी भी होगी।
लेजर शो रहेगा आकर्षण
रुद्रसागर में अभी जो सड़ांध मारता पानी है, प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद यही पानी आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र बनेगा। रुद्रसागर के बीच लेजर शो की व्यवस्था की जाएगी। इसमें रुद्रसागर के पानी में फव्वारों और लेजर लाइटिंग से आकर्षक आकृतियां बनाई जाएंगी।
ऐसे बदलेगी तस्वरी
1. पार्किंग प्लाजा : हरिफाटक ब्रिज स्थित त्रिवेणी संग्रहालय के नजदीक पार्किंग प्लाजा जोन विकसित होगा। इसमें पांच बड़े कार्य होंगे-
शिवा स्तंभ : 52 फीट ऊंचे पत्थर के दो शिवा स्तंभ बनेंगे जिन पर शिवजी की कलाकृति उकेरेंगे।
ओएटी के साथ म्यूजिकल-फाउंटेन- ओपन एरिया थिएटर का निर्माण होगा, जिसकी 300 लोगों बैठने की क्षमता होगी। इसके बीच म्यूजिकल फाउंटेन होगा।
कमल तालाब : त्रिवेणी संग्रहालय के नजदीक बने कमल तालाब का विकास व सौंदर्यीकरण होगा।
कैफेटएरिया : इस जोन में एक कैफेटएरिया बनाया जाएगा, जहां स्वल्पाहार की सुविधा मिलेगी।
इ-व्हीकल डॉक- श्रद्धालुओं को लाने-ले जाने के लिए क्षेत्र में ई-व्हीकल चलेंगे। पार्किंग के लिए इ-व्हीकल डाक बनेगा। व्हीकल बेटरी चार्ज करने के पाइंट भी रहेंगे।
पब्लिक यूटिलिटी- जनता की सुविधा के लिए पब्लिक यूटिलिटी सेंटर बनेगा। यहां व्यवस्थित सुविधाघर होंगे।
लेकफ्रंट- तालाब के बाहरी हिस्से पर घाटों का निर्माण होगा।
2. मिडवेय जोन
त्रिवेणी संग्राहलय व मंदिर के बीच के मिडवेय जोन विकसित होगा। इसमें भी पांच बड़े कार्य होंगे-
कंट्रोल रूम- सुरक्षा व मॉनिटरिंग की दृष्टि से आधुनिक कंट्रोल रूम विकसित होगा। यहां कैमरे एलइडी के माध्यम से व्यवस्थाओं पर निगरानी रखी जाएगी।
इट्री जोन- यहां खान-पान के लिए इट्री जोन बनाया जाएगा।
क्रॉफ्ट बाजार- भूतल पर क्राफ्ट बाजार विकसित किया जाएगा। दुकानों में क्रॉफ्ट सामग्री मिलेगी।
पब्लिक यूटिलिटी- पार्किंग प्लाजा की तरह यहां भी पब्लिक यूटिलिटी सेंटर रहेगा।
पब्लिक प्लाजा- यहांं जनता को आवश्यक सामग्री व सुविधा उपलब्ध होगी।
3. महाकाल थीम पार्क
मिडवेय जोन के आगे महाकाल वन आधारित पार्क व अन्य सुविधाएं होंगी। इसमें पांच प्रमुख कार्य होंगे-
गजिबो : इस जोन में अलग-अलग जगह 40 गजिबो बनेंगे, जिनमें एक समय में एक हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था रहेगी। इनके ऊपरी भाग को झोपड़ीनुमा बनाया जाएगा।
प्रसाद दुकानें : प्रसाद की कुछ दुकानों का निर्माण होगा। यह एक स्वरूप में बनेंगी।
स्टेप गार्डन- तालाब और पाथ-वे के बीच स्टेप गार्डन विकसित होगा। इसमें विभिन्न प्रजाति के खुबसूरत फूलदार पौधे लगाए जाएंगे। इनके साथ ही प्रतिमाएं भी लगेंगी।
शिव आधारित मूर्तियां : भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों पर आधारित मूर्तियां लगाई जाएंगी।
4. लेक फ्रंट डेवलपमेंट
महाकाल मंदिर के पीछे तालाब के बाहरी क्षेत्र में लेक फ्रंट डेवलपमेंट किया जाएगा। इसमें दो प्रमुख कार्य होंगे-
डेक- तीन अलग-अलग जगह डेक बनेंगे। यह एक बड़े चबूतरे की तरह खुला स्थान होगा, जहां खड़े होकर तालाब का नजारा देखा जा सकेगा।
सीढिय़ां : डेक के आसपास सीढिय़ों का निर्माण होगा। इन पर बैठकर रुद्रसागर में चलने वाले लेजर शो का आनंद लिया जा सकेगा।
5. महाकाल कॉरिडोर
यह महाकाल मंदिर प्रवेश से पहले का क्षेत्र होगा, जो कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें चार प्रमुख कार्य होंगे-
स्मार्ट पोल : कॉरिडोर में पथ प्रकाश के लिए स्मार्ट पोल लगाए जाएंगे। यह शिवा थीम पर आधारित होंगे। इन पर सर्विलेंस कैमरे, लाइट व अनाउसमेंट के सिस्टम लगा होगा।
लाइट पोल्स : तालाब किनारे प्रथक से लाइटिंग के लिए पोल्स लगेंगे। आकर्षक बनाने के लिए इन्हें ट्रेडिशनल लूक दिया जाएगा।
स्ट्रीट फर्नीचर : सड़क किनारे बैठने के लिए कुर्सी आदि की व्यवस्था होगी।
रिटेनिंग वॉल : कॉरिडोर में रिटेनिंग वॉल का निर्माण भी होगा। इस पर शिव नृत्य की विभिन्न मुद्राएं दर्शा जाएंगी।
योजना से ब्रिज बाहर
शहर में नदी या किसी तालाब पर एक भी हैंगिंग ब्रिज या सौंदर्यीकरण की दृष्टि से बनाया गया पैदल पुल नहीं है। ऐसे में शहरवासी भी लंबे समय से इस प्रकार के पुल की कमी महसूस कर रहे हैं। रुद्रसागर क्षेत्र का आकर्षण बढ़ाने के लिए इस योजना में पैदल पुल को प्रस्तावित किया गया था। पुल निर्माण से रुद्रसागर का आकार छोटा लगने का हवाला देकर इसे योजना से हटा दिया गया है।
करोड़ों खर्च फिर भी बदहाल
महाकाल मंदिर के पीछे होने के साथ पौराणिक होने के चलते रुद्र सागर का विशेष महत्व है। रुद्र सागर के विकास व सौंदर्यीकरण के बिना महाकाल क्षेत्र का विकास अधूरा है। स्मार्ट सिटी योजना से पूर्व भी रुद्र सागर विकास के लिए अलग-अलग चरणों में 5 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हो चुके हैं, जिसमें गहरीकरण, विक्रम टीला, बाउंड्रीवॉल, ड्रेनेज लाइन, सफाई आदि शामिल हैं। इसके बावजूद वर्तमान में रुद्रसागर की हालत दयनीय है। तालाब किसी दलदल की तरह नजर आता है और स्वच्छ पानी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।
टेंडर फाइनल होने पर काम शुरू होंगे
मृदा प्रोजेक्ट के पहले फेज में रुद्रसागर व आसपास के क्षेत्र का विकास किया जाना है। इसके लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। टेंडर फाइनल होने पर जल्द कार्य शुरू कराए जाएंगे।
- अवधेश शर्मा, सीईओ स्मार्ट सिटी कंपनी
Published on:
19 Sept 2018 12:59 pm
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