उज्जैन में बिना नींव वाली मस्जिद के रूप में विख्यात मंस्जिद को आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद उर्फ आचार्य शेखर महाराज ने शिव मंदिर बताया है। उन्होंने दावा किया कि इसके लिए कई दस्तावेजी प्रमाण है। मस्जिद के एएसआई सर्वे के लिए उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर करने की बात भी कही।
महामंडलेश्वर ने इसे भोजशाला का ही एक हिस्सा भी बताया। ‘बिना नींव वाली मस्जिद’ उज्जैन के दानी गेट इलाके में है। आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर का दावा है कि यह असल में परमार कालीन सोमेश्वर महादेव मंदिर है। इल्तुमिश ने मंदिर तोड़ा और दिलावर खान ने यहां से शिवलिंग हटाया।
उनका यह भी कहना है कि मस्जिद की अंदर की दीवारों और 88 स्तंभों पर सनातन संस्कृति की झलक उकेरी गई है। यहां राजा भोज द्वारा निर्मित सरस्वती कंठा भरण मौजूद है।
इस संबंध में 140 दस्तावेजी सबूत– आचार्य शेखर ने इसको लेकर कोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही। उनका दावा है कि मेरे पास इस संबंध में 140 दस्तावेजी सबूत हैं। इस मामले में अभी मुस्लिम पक्ष की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।