सामाजिक संगठनों एवं समाज के लोगों ने पूर्व सैनिकों के घर जाकर भी उनको सम्मानित किया। भूतपूर्व सैनिक योगेश पांडे, जय सिंह, बिंदेश्वरी त्रिपाठी के त्याग और बलिदान को नमन किया तथा उनके परिवारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की गई। इस दौरान वक्ताओं ने कहा, हम घरों में चैन की नींद सोते हैं, क्योंकि सीमाओं पर हमारे जवान दिन-रात देश की रक्षा में लगे हैं। देश की हर विजयगाथा के पीछे एक सैनिक का बलिदान और संकल्प होता है। ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीय सेना की वीरता को एक बार फिर सिद्ध किया है। जब तक ऐसे जवान हमारे देश की सीमा पर हैं, तब तक भारत माँ का मस्तक सदैव गर्व से ऊँचा रहेगा। उमरिया जिले के ग्राम नरवार के रहने वाले सचिन द्विवेदी जैसे वीर जवानों ने यह प्रमाणित कर दिया है कि देश की सेवा ही सर्वोच्च धर्म है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के उपरांत उमरिया नगर में विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा तिरंगा यात्राएं, संगोष्ठियां, देशभक्ति गीतों की प्रस्तुतियां तथा वीर जवानों के प्रति सम्मान और समर्पण के कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनके माध्यम से युवा वर्ग और आम जनमानस में राष्ट्रभक्ति की भावना को जाग्रत किया गया।
इस कार्यक्रम का नेतृत्व मातृशक्ति ने किया जिसमे प्रमुख रूप से ममता द्विवेदी ,कपूरिया बाई, सपना दहिया, निधी श्रीवास्तव, सुषमा, सुनीता त्रिपाठी, सविता संोंधिया, नीतू सिंह, कामना, के के पाण्डेय, डॉ ब्रजेश शर्मा, मान सिंह, धनुषधारी सिंह, संजय तिवारी, अखिलेश त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।