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DU Update: नए सेशन से शुरू होगा ‘सीबीसीएस’!

दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में नया सेशन 20 जुलाई से शुरू हो रहा है। इससे पहले, ग्रेजुएशन लेवल पर चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू होना तय माना जा रहा है।

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madhavsharma sharma

Jul 11, 2015

दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में नया सेशन 20 जुलाई से शुरू हो रहा है। इससे पहले, ग्रेजुएशन लेवल पर चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू होना तय माना जा रहा है। दरअसल, 13 जुलाई को डीयू की एकडेमिक काउंसिल की मीटिंग होगी, जिसमें अलग-अलग कोर्सेज और सब्जेक्ट्स के 93 सिलेबस को परमिशन के लिए लाया जा रहा है।

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एजेंडा तैयार हो गया है। हर डिपार्टमेंट ने ग्रेजुएशन कोर्सेज के लिए न्यू सिलेबस तैयार कर लिया है। यह सीबीसीएस स्कीम के तहत तैयार किया गया है। एकेडेमिक काउंसिल की मंजूरी के बाद इन सभी सिलेबस को 14 जुलाई को एग्जीक्यूटिव काउंसिल में लाया जाएगा। उसी दिन शाम को यूनिवर्सिटी कोर्ट की मीटिंग होगी। इनमें सीबीसीएस पर मुहर लग जाएगी और स्टूडेंट्स को नए सेशन में नए कोर्सेज पढऩे होंगे।

आर्ट, मैथेमैटिकल साइंसेज, म्यूजिक एंड फाइन आट्र्स, सोशल साइंसेज, कॉमर्स एंड बिजनेस, अप्लाइड सोशल साइंसेज एंड ह्यूमैनिटीज, साइंस, इंटर-डिसिप्लिनरी एंड अप्लाइड साइंसेज, -इन फैकल्टीज के तहत आने वाले सभी डिपार्टमेंट ने ग्रेजुएशन लेवल पर 93 कोर्सेज का सिलेबस फाइनल कर यूनिवर्सिटी को भेजा था। हालांकि एक्सपर्ट इन सिलेबस पर कई सवाल भी उठा रहे हैं। एग्जीक्यूटिव काउंसिल के मेम्बर डॉ. अजय भागी का कहना है कि यूजीसी ने कुछ दिन पहले ही अपनी वेबसाइट पर मॉडल सिलेबस जारी किया था और यूनिवर्सिटी को उसमें 30 परसेंट तक चेंज करने की इजाजत दी थी। इतने कोर्सेज के सिलेबस जल्दबाजी में तैयार कर लिए गए। इन सिलेबस से एजुकेशन की क्वालिटी के साथ कम्प्रोमाइज किया गया है।

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शिक्षक संगठन एएडी के अध्यक्ष आदित्य नारायण मिश्रा का कहना है कि सेमेस्टर स्कीम में ऑनर्स कोर्सेज में 20 से 22 पेपर होते हैं, लेकिन सीबीसीएस में ये पेपर घटकर 14 रह गए हैं। पेपर कम होने का मतलब साफ है कि इसका असर वर्कलोड पर पड़ेगा और मौजूदा एडहॉक टीचर्स को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। स्किल बेस्ड कोर्सेज को पढ़ाने के लिए भी बाहर की एजेंसी से टीचर्स को बुलाया जाएगा, जिन्हें डीयू सैलरी देगा। एकडेमिक काउंसिल के मेम्बर समरेंद्र कुमार का कहना है कि क्रेडिट स्कीम में लैंग्वेज की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित होगी।

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अब तक हर ऑनर्स कोर्स में लैंग्वेज की पढ़ाई होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। एकडेमिक और एग्जीक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग में क्रेडिट स्कीम को लेकर विरोध शुरू हो गए हैं, लेकिन मजॉरिटी की बात करें, तो स्कीम का पास होना लगभग तय है। कॉलेजों के लिए भी यह स्कीम चैलेंज रहेगी। इस स्कीम में 10 ग्रेड पॉइंट फॉर्मूला होगा। पास होने के लिए किसी सब्जेक्ट में कम से कम चार ग्रेड पॉइंट जरूरी होंगे। 10 ग्रेड पॉइंट के लिए आउटस्टैंडिंग, इसके बाद ए प्लस, ए, बी प्लस, बी, सी और पासिंग ग्रेड होगा।