उच्च शिक्षण संस्थानों में नए छात्रों के साथ रैगिंग की घटनाएं कई बार जानलेवा हो जाती हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूजीसी ने विश्वविद्यालयों, कॉलेजों व विद्यार्थियों के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी संस्थानों में एंटी रैगिंग हैल्पलाइन होना जरूरी है।
उच्च शिक्षण संस्थानों में नए छात्रों के साथ रैगिंग की घटनाएं कई बार जानलेवा हो जाती हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूजीसी ने विश्वविद्यालयों, कॉलेजों व विद्यार्थियों के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी संस्थानों में एंटी रैगिंग हैल्पलाइन होना जरूरी है।
चेतावनी देना जरूरी
परिसर में होर्डिंग, बिल बोर्ड या बैनर लगाकर रैगिंग ना लेने को पाबंद करना, कानून व सजा का प्रावधान, शिकायत के लिए संबंधित अधिकारी का नाम व फोन नंबर प्रकाशित करना जरूरी है।
रैगिंग की एफआईआर 24 घंटे में करानी होगी, पीडि़त, गवाह या सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी। सभी विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों के नाम-पते के साथ अलग-अलग एफिडेविट देना होगा ताकि रैगिंग करने वालों पर कार्रवाई में दिक्कत न आए।
फ्रेशर्स को अलग हॉस्टल में रखने व कमेटी द्वारा छात्रावासों के औचक निरीक्षण का भी प्रावधान है।