दफ्तर में काम के दौरान ढेरों तनाव सामने आते हैं, कभी
बॉस की फटकार तो कभी साथियों से खटपट। ऐसे में स्ट्रेस का असर आपकी
परफॉर्मेंस पर पड़ता है। आप दफ्तर में भी खुश रहें और तनाव का असर आपकी
परफॉर्मेंस पर न पड़े, इसलिए लिए आपको कुछ तरीके अपनाने होंगे...
दफ्तर में काम के दौरान ढेरों तनाव सामने आते हैं, कभी बॉस की फटकार तो कभी साथियों से खटपट। ऐसे में स्ट्रेस का असर आपकी परफॉर्मेंस पर पड़ता है। आप दफ्तर में भी खुश रहें और तनाव का असर आपकी परफॉर्मेंस पर न पड़े, इसलिए लिए आपको कुछ तरीके अपनाने होंगे...
दिन की शुरुआत किसी संकल्प से 'आज मैं अपने किसी एक काम पर बहुत ज्यादा ध्यान दूंगा।' इसके बाद अपना सारा ध्यान उस काम को पूरा करने में लगाएं। इससे आप अपने बारे में अधिक जागरूक होंगे और ऐसे कामों पर ध्यान दे पाएंगे, जिन्हें आपने पहले नजरअंदाज कर दिया था। आप धीरे-धीरे संघर्षों से निपटना सीख पाएंगे तो काम का आनंद लेंगे और खुश भी रहेंगे।
काम शुरू करने से पहले पूछें खुद से उम्मीद आप किसी नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं या फिर किसी नए क्लाइंट के साथ मीटिंग करने वाले हैं तो काम शुरू करने से पहले खुद से एक बार पूछ लें, कि आखिर में मैं इस काम से चाहता क्या हूं, इस काम के बारे में मेरी खुद से क्या उम्मीदें हैं।
किसी भी तनाव की वजह से जब आपका ध्यान भटकने लगे तो इस लक्ष्य को याद करें और काम पूरा करने की दिशा में काम करने लगें। आपका तनाव गायब हो जाएगा और मूड अच्छा भी।
आप कोई चीज कैसे पकड़ते हैं आप किसी चीज को कैसे पकड़ते हैं, जैसे किसी कप या स्टीरिंग व्हील को। आपके ग्रिप की क्वालिटी कैसी है? आपने गौर किया होगा कि कभी-कभी हम चीजें को बहुत कस कर पकड़ते हैं। यह तनाव या स्ट्रेस को दर्शाता है, जबकि हमें खुद इसके बारे में पता नहीं होता। मदद करके खुश हों आप दफ्तर में बहुत ही हताश-निराश महसूस कर रहे हैं तो किसी की मदद करें। इससे आपका ध्यान बंटेगा और आप तरो-ताजा होकर अपने काम में लग पाएंगे। ई-मेल पहले खुद को भेजें जब आपका अपना ही ई-मेल बतौर रेसिपिएंट पढ़ते हैं तो आप इसके टोन, इसके असर को अच्छी तरह समझ पाते हैं, क्योंकि लिखते वक्त आप केवल कंपोजिशन पर ही ध्यान देते हैं।