
Chameleon
वाशिंगटन। गिरगिट के
शिकार करने के अचूक तरीके से हर कोई परिचित है। वह अपने शरीर से दोगुनी
दूरी के शिकार पर झपट्टा मार कर मुंह के अंदर खींच लेता है। लेकिन उसकी जीभ
की ऐसी क्षमता के पीछे के राज कोई नहीं जानता। शोधकर्ताओं ने
इस रहस्य के खुलासे का दावा किया है। गिरगिट की जीभ से एक ऐसा द्रव स्रावित
होता है जो उसके थूक को अत्यंत चिचिपा बना देता है।
इसके लिए
वैज्ञानिकों ने गिरगिट के लार को एकत्रित करके उसकी चिपचिपाहट का परीक्षण
किया। इस दौरान उसकी लार को मनुष्य की लार से 400 गुना अधिक चिपचिपा पाया
गया। वह अपने इस चिपचिपेपन से न केवल छोटे कीड़े बल्कि पक्षी और छिपकली
जैसे छोटे स्तनपायी जीवों को भी शिकार बना सकता है। उसे इसके लिए चूसने
जैसी किसी तकनीक की जरूरत भी नहीं पड़ती।
रिसर्च टीम में शामिल
बेल्जियम की मोंस यूनिवर्सिटी के भौतिक विज्ञानी पास्कल डैम कहते हैं , कि
यह बेहद साधारण सी तकनीक है। इससे साबित होता है कि बहुत सरल और सीधी
तकनीक बेहद प्रभावकारी हो सकती है।
गिरगिट के बारे में कुछ रोचक तथ्य
- दुनिया की कुल गिरगिट प्रजातियों की लगभग 50 प्रतिशत अकेले मेडागास्कर आईलैंड पर पाई जाती हैं
- गिरगिट की कुल 171 प्रजातियां खोजी जा चुकी हैं
- गिरगिट को अपना रंग बदलने में अधिकतम 20 सेकेंड लगते हैं
- गिरगिट की आंखों का विजन 360 डिग्री होता है। इस वजह से वह एक साथ दो तरफ देख पाता है
- छोटे गिरगिट की प्रजातियां प्रजनन के लिए 2 से 4 अंडे और बड़ी प्रजातियां 80 से 100 अंडे देती हैं।
Published on:
23 Jun 2016 03:07 pm
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