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विश्व शाकाहार दिवस – वरिष्ठ चिकित्सक डॉ आरके दीक्षित ने बताया शाकाहारी व मांसाहारी भोजन में अंतर

- शाकाहारी भोजन असाध्य रोगों से लड़ने में सहायक मांसाहारी जीवन को छोटा करता है

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विश्व शाकाहार दिवस - वरिष्ठ चिकित्सक डॉ आरके दीक्षित ने बताया शाकाहारी व मांसाहारी भोजन में अंतर

विश्व शाकाहार दिवस - वरिष्ठ चिकित्सक डॉ आरके दीक्षित ने बताया शाकाहारी व मांसाहारी भोजन में अंतर

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क

नरेंद्र नाथ अवस्थी

उन्नाव. आयुर्वेद में शाकाहारी भोजन को श्रेष्ठ माना गया है। सात्विक एवं शाकाहारी भोजन माननीय संवेदनाओं का पालन कर्ता होता है। तामसिक एवं मांसाहारी भोजन से हिंसक एवं अमानवीय विचारों का जन्म होता है। वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉक्टर आरके दीक्षित ने उक्त विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मांसाहारी भोजन असाध्य रोगों का कारण होने के साथ-साथ जीवन अवधि को भी छोटा कर रहा है। जबकि शाकाहारी भोजन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धिकर बीमारियों से लड़कर जीवन अवधि को बढ़ाता है।

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प्रकृति ने पोषक तत्व उपलब्ध कराए हैं

प्रकृति ने शाकाहारी भोजन के रूप में सभी स्वास्थ्य वर्धक पोषक तत्व उपलब्ध कराए हैं। शाकाहारी भोजन का पाचन जल्द हो जाता है। यह आपके मस्तिष्क को सचेत करते हुए आप को बुद्धिमान बनाता है। इसके विपरीत मांसाहारी भोजन को पचने में अधिक समय लगता है। शाकाहारी भोजन पृथ्वी पर प्रकाश, जल, मिट्टी की सहायता से पेड़ पौधों द्वारा उत्पन्न किया जाता है। शाकाहारी भोजन में फाइबर अधिक मात्रा में होता है। जो की पाचन क्रिया में सहायक है। सब्जियों में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा के साथ-साथ अन्य भी बहुत से आवश्यक तत्व होते हैं। जो कि कैंसर जैसी घातक बीमारियों के बचाव में सहायक होते हैं।

आयुर्वेद मांसाहारी के खिलाफ

डॉक्टर आर के दीक्षित ने बताया कि मांसाहार का जन्म नीरीह प्राणियों को मारकर होता है। इसलिए आयुर्वेद भी अहिंसा पर जोर देता है। आयुर्वेद सात्विक भोजन की सलाह देता है। वैज्ञानिक परीक्षणों से स्पष्ट हुआ है कि हृदयाघात (heart attack) के लिए जिम्मेदार कोलेस्ट्रोल की अधिकांश मात्रा खून में मांसाहार से प्रवेश करती है। यह कोलेस्ट्रॉल रक्त नलिकाओं में जमकर उनको संकरा बना देते हैं या बंद कर देते हैं। जिससे विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं।

शहरी को भी समझ में आया शाकाहारी भोजन का महत्व

डॉ दीक्षित ने बताया कि भारतीय परंपरा एवं मान्यता के अनुसार स्थानीय अनाज व शाक-सब्जियां ही उत्तम स्वास्थ्य की कुंजी मानी जाती है। विभिन्न रोगों से ग्रसित इंसान उत्तम स्वास्थ्य हेतु पुन: स्थानीय अनाजों की तरफ मुड़ने लगा है। वस्तुतः ग्रामीण परिवेश छोड़ चुके शहरी को भी समझ में आ गया है कि शाकाहारी भोजन ही स्वस्थ शरीर व मन की कुंजी है। शाकाहारी भोजन सामान्य रूप से बहुत ही सस्ते एवं सुलभ हैं। अंततः आयुर्वेदिक चिकित्सक होने के नाते मांसाहार वर्ग को भी सलाह देता हूं कि वह शाकाहारी बने और मांसाहार से होने वाली बीमारियां से बचे।