175 टीमें जनपद में होंगी सक्रिय उन्होंने कहा कि जनपद की 407280 जनसंख्या को कवर करने का लक्ष्य बनाया गया है। चिन्हित स्थानों पर टीम के सदस्य घर-घर जाकर टीबी मरीजों का बलगम एकत्र करेंगे और उनकी जांच कराएंगे जांच के उपरांत पॉजिटिव पाए गए मरीजों का उपचार नियमानुसार किया जाएगा। अब दवाइयां रोज दी जाती हैं। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान के प्रथम चरण में जनपद के सभी विकासखंडों में प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
48 घंटे के अंदर मिलेगी दवा सभी ब्लॉकों में मार्किंग भी कराई जा रही है। ताकि अधिक से अधिक जन जागरूकता किया जा सके और क्षय रोग के विषय में लोगों को मालूम हो इसके साथ ही सभी विकासखंडों में लोक कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन किया जा रहा है। जनपद में समुचित मात्रा में अवसर दवाइयां उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान के प्रथम चरण में आने वाले मरीजों को 48 घंटे के अंदर उपचार शुरू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही मरीजों को सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर द्वारा जांच उपलब्ध कराई जाएगी।
डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार द्वारा डीबीटी के माध्यम से टीबी के प्रत्येक मरीज को ₹500 प्रतिमाह की धनराशि दी जा रही है। जो डीबीटी के द्वारा सीधे मरीजों के खाते में जाएगा। उन मरीजों को भी ₹500 प्रतिमाह का लाभ मिलेगा जो प्राइवेट रूप से अपना इलाज करा रहे हैं। प्राइवेट डॉक्टर जो टीवी पेशेंट का उपचार कर रहे हैं, इस संबंध में मरीज को जानकारी दें और शासन द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाभ उठाने में मदद करें। अन्यथा उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई हो सकती है। प्रेस वार्ता के दौरान डॉक्टर आर के गौतम, डॉ नरेंद्र सिंह, के पी सिंह, विनोद कुमार यादव, डी एन मिश्रा शिवचंद आदि लोग मौजूद थे।