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ऐसे ठहाके लगवाते थे केडी शर्मा हाहाकारी, प्रमोद तिवारी के गीतों पर गूंज उठती थीं तालियां

मार्ग दुर्घटना में हुई दो कवियों की मौत से साहित्य जगत में सन्नाटा पसर गया...

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KD Sharma and Pramot Tiwari story Unnao News

ऐसे ठहाके लगवाते थे केडी शर्मा हाहाकारी, प्रमोद तिवारी के गीतों पर गूंज उठती थीं तालियां

उन्नाव. हास्य कवि के डी शर्मा हाहाकारी की गीतों पर लगने वाले ठहाके और प्रमोद तिवारी के गीत पर अब लोग तालियां नहीं बजा पाएंगे। मार्ग दुर्घटना में हुई दो कवियों की मौत से साहित्य जगत में सन्नाटा पसर गया। चारों तरफ शोक की लहर दौड़ गई। विभिन्न संस्थाओं द्वारा शोक सभा के आयोजन कर श्रद्धांजलि देने का क्रम शुरू हुआ। हास्य कवि के डी शर्मा और प्रमोद तिवारी साथ बिताए गए दिनों को याद करते हैं कोई अपनी आंखें नम कर रहा है तो किसी को उनकी कविताओं और उनका व्यवहार रुला रहा है। हास्य कविताओं में जिले के सिरमोर के डी शर्मा को सुनने के लिए श्रोता बेताब रहते थे। विगत दिनों प्रकाश गेस्ट हाउस में आयोजित कवि सम्मेलन में उन्होंने लोगों को ठहाके लगाने पर मजबूर किया था। के डी शर्मा की हास्य व्यंग्य की कविताएं समाज को एक संदेश भी देती थी और उन पर चिंतन करने को कहती थी।

कवि सम्मेलन के मंच से था लगाव

के डी शर्मा जनपद के आसीवन थाना क्षेत्र के हैदराबाद के सुभाष नगर के रहने वाले थे। उनका जन्म 18 नवंबर 1949 में हुआ था। सुमेरपुर स्थित स्वामी ईश्वरानंद इंटर कॉलेज से प्रवक्ता पद से रिटायर हुए सेवानिवृत्त हुए के डी शर्मा का विशेष लगाव कविता पाठ से था। के डी शर्मा की उपस्थिति के बिना जनपद के किसी भी कवि सम्मेलन की कल्पना नहीं की जा सकती थी। हास्य व्यंग की कविताओं के माध्यम से अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले के डी शर्मा हाहाकारी आसपास के जिलों के साथ दूर जिलों में भी कवि सम्मेलन के मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। दुर्घटना के समय भी रायबरेली के लालगंज मैं आयोजित कवि सम्मेलन से वापस आ रहे थे।


उन्होंने विगत 25 फरवरी को स्थानीय गेस्ट हाउस में आयोजित कवि सम्मेलन में आतंकवाद पर संदेश दिया था और कहा था कि राक्षस की कौनो सिंग रहे या 52 गज की लंबाई, त्रेता, द्वापर युग मा, यही तना रहे आतंकवाद की परछाई। समाजवादी पार्टी के परिवार में चल रहे विवाद पर भी उन्होंने कटाक्ष किया और कहा-

गांव गली मां चर्चा यहि के चरचा शहर वह थाने मा, माननीय मुलायम सिंह का कहि दिनेन है मोदी जी के काने मां।

बाबा रामदेव द्वारा शैंपू साबुन कड़वा तेल भेजे जाने पर दी उनकी कविताएं गुदगुदाती हैं उन्होंने कहा-

कहां जा रही धर्म संस्कृति, यह देखो कुदरत का खेल। साधु संत महात्मा बेचे, शैंपू साबुन कडुआ तेल।

विभिन्न संस्थाओं द्वारा दी गई श्रद्धांजलि

हास्य कवि के डी शर्मा और विश्व विख्यात कवि प्रमोद तिवारी के निधन पर शोक सभाओं का दौर जारी है।पत्रकार लेखक विचारक महासंघ की एक आपातकालीन बैठक आयोजित की गई। महासंघ के प्रदेश संयोजक अरुण दीक्षित ने इस मौके पर कहा कि के डी शर्मा हाहाकारी और अंतरराष्ट्रीय कवि प्रमोद तिवारी के निधन से समाज को गहरी क्षति पहुंची है जिसकी भरपाई कर पाना असंभव है। इस मौके पर संजय अवस्थी, ब्रजेश द्विवेदी, अंजनी पाठक, देशपति शुक्ला, शत्रुघ्न सिंह, पवन त्रिवेदी, बिन्दप्रसाद पांडे आदि लोग मौजूद रहे। आचमन संस्था द्वारा भी शोक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें मृतक की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई और श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर संस्था के अध्यक्ष डॉक्टर गणेश प्रसाद मिश्र, आर पी वर्मा सरस, उमा निवास बाजपेई, गिरीश अवस्थी सहित अन्य कवि मौजूद थे। आज विभिन्न संस्थाओं द्वारा शोक सभा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें के डी शर्मा और प्रमोद तिवारी को श्रद्धांजलि दी जाएगी।