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उन्नाव गैंगरेप मामले में मानवाधिकार आयोग ने भेजा योगी सरकार को नोटिस

अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उन्हें नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब किया है।

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Yogi Trouble

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लखनऊ. उन्नाव गैंगरेप मामले में योगी सरकार को लगातार झटका लग रहा है। विपक्षी दल तो उनपर मामले में लापरवाही बरतने का आरोप मड़ ही रहे हैं, वहीं अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उन्हें नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। आपको बता दें कि उन्नाव के बांगरमऊ से भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर पर बीते वर्ष महिला से गैंगरेप करने का आरोप लगा था। रविवार 8 अप्रैल, 2018 को कोई कार्रवाई न होते देख पीड़िता ने राजधानी में सीएम आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश की थी, तो वहीं सोमवार को उसके पिता की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी जिससे की मामाला और गर्मा गया है। मानवाधिकार ने इसको संज्ञान में लेते हुए आज उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले में मीडिया रिपोर्ट पर खुद संज्ञान लेते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव और यूपी डीजीपी ओपी सिंह से विस्तृत रिपोर्ट मांगी। आयोग ने पूछा है कि उन पुलिस कर्मियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई, जिन्होंने रेप पीड़िता की एफआईआर दर्ज करने से इंकार कर दिया था।

यह मानवाधिकार के उल्लंघन का है गंभीर मामला-

आयोग ने कहा कि सीएम आवास पर रेप पीड़िता आत्मदाह की कोशिश करती है और बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर रेप का आरोप लगता है। घटना के एक दिन बाद ही उन्नाव जेल के अंगर न्यायिक हिरासत में पीड़िता के पिता की मृत्यु हो जाती है। रेप पीड़िता का आरोप है कि रेप का आरोप वापस नहीं लेने के कारण विधायक ने उसके पिता की हत्या करवा दी। अगर ये आरोप सही हैं तो पीड़ित परिवार के मानवाधिकार के उल्लंघन का यह एक गंभीर मामला है।

24 घंटे में क्यों नहीं दी रिपोर्ट-

आयोग ने नोटिस में सवाल किया है कि डीजीपी बताएं कि न्यायिक हिरासत में हुई मौत की रिपोर्ट आयोग को 24 घंटे के भीतर क्यों नहीं दी गई? मामले में मृतक पिता की उस वक्त की हेल्थ रिपोर्ट भी तलब की गई है जब वह जेल में निरुद्ध किए गए थे। आयोग ने आगे यह भी कहा कि जेल प्रशासन की तरफ से उसका क्या उपचार किया गया था। आयोग ने यह रिपोर्ट एक महीने के अंदर मुख्य सचिव और डीजीपी से भेजने के लिए कहा है।