
उन्नाव. पुलिस कस्टडी में पीड़ित किशोरी के पिता की मौत के मामले में एसपी उन्नाव ने शासन को अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि दुष्कर्म मामले को लेक दोनों पक्षों में पिछले 10 माह से मुकदमेबाजी चल रही थी। यही कारण है कि दोनों पक्षों की रंजिश बढ़ती रही। एसपी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि विधायक पक्ष की ओर से दूसरे पक्ष पर तीन मुकदमे दर्ज कराये गये थे।
एसपी उन्नाव ने अपनी रिपोर्ट में सिलसिलेवार तरीके से बताया है कि 21 जून 2017 को किशोरी की बरामदगी के बीच दोनों पक्षों में विवाद बढ़ता गया। एसपी की रिपोर्ट में स्थानीय पुलिस की चूक का भी मामला सामने आ रहा है। रिपोर्ट में एसपी का कहना है कि अगर पुलिस सही समय पर दोनों पक्षों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करती तो तीन अप्रैल जैसी घटना को टाला जा सकता था।
क्या है पूरा मामला
रविवार को मुख्यमंत्री आवास के सामने माखी थाना क्षेत्र की युवती ने आत्मदाह का प्रयास किया। उसने उन्नाव के बांगरमऊ से भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर और साथियों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया। अगले दिन मारपीट के आरोप में जेल में बंद पीड़िता के पिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण पिटाई के कारण आंत फटना बताया गया। इसके अलावा एक वायरल वीडियो क्लिप में मृतक की बेरहमी से पिटाई का सच सामने आया।
आज आएगी एसआईटी की रिपोर्ट
मामले ने तूल पकड़ा तो आनन-फानन में जांच के लिये एसआईटी गठित की गई। क्राइम ब्रांच ने बीजेपी विधायक के आरोपी भाई अतुल सिंह सेंगर को अन्य साथियों सहित गिरफ्तार कर लिया। मामले में लापरवाह माखी थानाध्यक्ष, एक एसआई समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। आज शाम तक एसआईटी जांच की रिपोर्ट सामने आएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की जांच के लिये गठित एसआईटी को 24 घंटे में रिपोर्ट के निर्देश दिये हैं।
Updated on:
11 Apr 2018 02:40 pm
Published on:
11 Apr 2018 01:24 pm
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