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शिक्षक भर्ती आंदोलन के बीच चंद्रशेखर आजाद ने योगी सरकार पर दागे सवाल, शेयर किया ये वीडियो

प्रयागराज में शिक्षक भर्ती को लेकर छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं। यूपी शिक्षक भर्ती 2025 को लेकर आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने राज्य सरकार पर सीधा सवाल उठाया है।

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युक्तियुक्तकरण फोटो: एक्स

युक्तियुक्तकरण फोटो: एक्स

शिक्षक भर्ती आंदोलन पर चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में एक लाख सहायक शिक्षकों की जरूरत है लेकिन सरकार 2018 के बाद से कोई नई भर्ती क्यों नहीं कर रही, यह समझ से परे है।

सोशल मीडिया पर किया पोस्ट

चंद्रशेखर आजाद ने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के बाहर बेमियादी धरने पर बैठे अभ्यर्थियों का समर्थन करते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो शेयर किया और सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि जब खुद सरकार सुप्रीम कोर्ट में 51,112 पदों के रिक्त होने की बात मान चुकी है, तो शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू करने में इतनी देरी क्यों हो रही है?

नगीना सांसद ने यह भी बताया कि एक आरटीआई के जवाब में 1.73 लाख पदों के खाली होने की जानकारी मिली थी और 2020 में संसद में तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने भी यह स्वीकार किया था कि यूपी में 2,17,481 प्राथमिक शिक्षक पद रिक्त हैं। चंद्रशेखर ने सवाल किया कि जब इतने बड़े पैमाने पर पद खाली हैं और शिक्षा की गुणवत्ता गिर रही है, तो सरकार इन पदों को भरने के लिए कदम क्यों नहीं उठा रही?

युवाओं के साथ अन्याय है, इसका समाधान निकालें: आजाद

सांसद ने विशेष रूप से यह मुद्दा उठाया कि जब से बीटीसी का नाम बदलकर डीएलएड किया गया है, तब से 2017, 2018 और 2019 बैच के करीब 5 लाख प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती का एक भी अवसर नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि यह इन युवाओं के साथ अन्याय है और सरकार को तत्काल इसका समाधान निकालना चाहिए।

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चंद्रशेखर आजाद ने यह मांग रखी कि सरकार को 51,112 स्वीकृत पदों, 68,500 की पिछली भर्ती के शेष पदों और हर वर्ष रिटायर हो रहे करीब 10-15 हजार शिक्षकों के स्थानों को मिलाकर कम से कम एक लाख पदों पर प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन तत्काल जारी करना चाहिए।

प्रयागराज में धरने पर बैठे हैं छात्र

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत एक लाख से अधिक पद खाली हैं। कोर्ट के आदेशों और आंदोलनों के बावजूद भर्ती प्रक्रिया नहीं की जा रही है। इसी के विरोध में छात्र लगातार आवाज उठा रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी शिक्षक भर्ती आंदोलन की मांगों को नहीं मानेगी तब तक वो धरनास्थल से नहीं हटेंगे।