
Lucknow Pollution Alert
Lucknow Air Pollution: दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण का संकट अब लखनऊ तक पहुंच गया है। जैसे-जैसे तापमान गिरता जा रहा है, लखनऊ में भी हवा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका जताई जा रही है। वायु प्रदूषण विशेषज्ञों के अनुसार, राजधानी में तापमान के गिरते ही वायु प्रदूषण की मात्रा खतरनाक स्तर पर पहुंचने का खतरा है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया है। Lucknow air pollution After NCR, Lucknow on high alert for air pollution
हालांकि अन्य सरकारी महकमे अभी प्रदूषण रोकथाम के प्रयासों में सुस्त नजर आ रहे हैं। फिर भी बोर्ड ने संवेदनशील क्षेत्रों को चिह्नित करने के लिए दो टीमों को मैदान में उतारा है। इन टीमों का मकसद है वायु प्रदूषण के हॉट स्पॉट्स की पहचान करना और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों व निर्माण स्थलों पर सख्त निगरानी रखना।
पिछले एक सप्ताह के दौरान लखनऊ की हवा की गुणवत्ता संतुलित बनी हुई थी, जबकि दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 350 से 400 के बीच पहुंच गया था, जो "अत्यंत खराब" श्रेणी में आता है। वहीं, लखनऊ का AQI 200 से नीचे रहा, जो अपेक्षाकृत संतोषजनक स्थिति में था। हालांकि, रविवार से लखनऊ के कुछ इलाकों में हवा की गुणवत्ता बिगड़नी शुरू हो गई।
विशेष रूप से तालकटोरा क्षेत्र का AQI 200 को पार कर गया, जो "खराब" श्रेणी में आता है। तालकटोरा इंडस्ट्रियल एरिया में प्रदूषण की बढ़ती समस्या को देखते हुए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने निरीक्षण किया। बोर्ड के लखनऊ मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी, डॉ. उमेश चंद्र शुक्ला की अगुवाई में टीम ने औद्योगिक क्षेत्रों की जांच की और कई उद्योगों को कड़ी चेतावनी जारी की। उद्योगों को निर्देश दिया गया कि वे वायु प्रदूषण नियंत्रण मानकों का सख्ती से पालन करें, वरना उन पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
क्षेत्र AQI श्रेणी
तालकटोरा 202 खराब
लालबाग 156 मध्यम
गोमती नगर 134 मध्यम
अंबेडकर विश्वविद्यालय 104 मध्यम
कुकरैल 87 संतोषजनक
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए नगर निगम, एलडीए (लखनऊ विकास प्राधिकरण), नगर पालिका और अन्य निर्माण कार्यों से जुड़े विभागों को निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में मुख्य रूप से निर्माण स्थलों पर वायु प्रदूषण की रोकथाम के उपाय और वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण पर कड़ी निगरानी शामिल है।
तालकटोरा क्षेत्र का निरीक्षण करने के बाद, डॉ. उमेश चंद्र शुक्ला ने बताया कि सोमवार से लखनऊ के विभिन्न निर्माण स्थलों का गहन निरीक्षण शुरू किया जाएगा। जिन भी स्थानों पर वायु प्रदूषण फैलाने की गतिविधियां पाई जाती हैं, वहां तुरंत कार्रवाई की जाएगी। अगर किसी उद्योग या निर्माण साइट पर प्रदूषण फैलता पाया गया, तो उन्हें भारी आर्थिक दंड के साथ ही कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
इसके अलावा, निर्माण स्थलों पर ग्रीन नेट कवर और निर्माण सामग्री को ढककर रखने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। खुले में कूड़ा जलाने, कृषि अपशिष्ट (पराली) जलाने, और रेस्टोरेंट्स में कोयला या लकड़ी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) हवा की गुणवत्ता को मापने का एक मानक है, जो बताता है कि हवा में PM10, PM2.5, और अन्य हानिकारक गैसों की कितनी मात्रा मौजूद है। AQI को छह श्रेणियों में बांटा गया है, जो हवा की गुणवत्ता के आधार पर बदलती हैं। जैसे-जैसे हवा की गुणवत्ता खराब होती जाती है, AQI का स्कोर बढ़ता जाता है और यह "अच्छी" से "गंभीर" श्रेणी तक पहुंच सकता है।
AQI श्रेणी गुणवत्ता
0-50 बहुत अच्छी
51-100 अच्छी
101-200 संतोषजनक
201-300 खराब
301-400 अत्यंत खराब
401 से अधिक गंभीर
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव संजीव सिंह ने बताया कि सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण और स्मॉग की समस्या से निपटने के लिए पहले से ही तैयारी की जा रही है। नगर निगम, एलडीए, और अन्य विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे वायु प्रदूषण के मानकों का कड़ाई से पालन करें। संवेदनशील स्थानों की पहचान कर, वहां विशेष निगरानी की जा रही है, और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रदूषण को लेकर जो भी संस्थाएं, उद्योग या एजेंसियां नियमों का उल्लंघन करती पाई जाएंगी, उन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने के लिए न केवल सरकारी संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है, बल्कि आम नागरिकों को भी इस दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है। निजी वाहनों का कम उपयोग, सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग, और खुले में कूड़ा जलाने से बचने जैसे छोटे-छोटे कदम भी वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
Updated on:
21 Oct 2024 09:37 am
Published on:
21 Oct 2024 09:15 am
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