
लखनऊ में 76वें गणतंत्र दिवस का भव्य आयोजन विधान भवन के सामने हुआ, जिसमें अलग-अलग संस्कृतियों के महाकुंभ का अद्भुत नजारा देखने को मिला।

सुबह झंडारोहण के साथ शुरू हुए इस कार्यक्रम में जवानों और बच्चों ने देशभक्ति और संस्कृति के अनूठे संगम की प्रस्तुति दी।

झांकियों में भारत की विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रदर्शन किया गया।

हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा और दर्शकों का जोश

कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से अरुणाचल तक की पारंपरिक झलकियों ने लोगों का दिल जीत लिया।

परेड में जवानों के शौर्य और कला कौशल ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

संस्कृतियों का संगम और शौर्य प्रदर्शन

झांकियों में उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का विशेष प्रदर्शन किया गया।

बुंदेलखंड की वीरता, अवध की तहज़ीब, और काशी की आध्यात्मिकता को जीवंत रूप में प्रदर्शित किया गया।

जवानों की टुकड़ियों ने परेड में अनुशासन और समर्पण की अद्भुत मिसाल पेश की।

साथ ही, स्कूली बच्चों ने देशभक्ति से ओत-प्रोत नृत्य और गीत प्रस्तुत किए।

भारतीय तिरंगे की रंगीन छटा के साथ इन प्रस्तुतियों ने गणतंत्र दिवस के गौरव को बढ़ा दिया।

भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने पुष्प वर्षा की, जिसने आयोजन को और भव्य बना दिया।

देशभक्ति और प्रगति का उत्सव

परेड में "नारी शक्ति," "डिजिटल इंडिया," और "हरित भविष्य" जैसी थीम पर आधारित झांकियां भी शामिल थीं।

झांकियों ने भारत की प्रगति, आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण के संदेश को उजागर किया।