
UP Traffic Improvement
UP Traffic Improvement: उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में लगातार बढ़ते यातायात जाम को कम करने के लिए परिवहन विभाग ने शहर के बाहर सेटेलाइट बस स्टेशन बनाने की योजना का प्रस्ताव रखा है। इस महत्वपूर्ण पहल का उद्देश्य शहरों के बीचो-बीच स्थित बस स्टेशनों को शहर के बाहरी क्षेत्रों में स्थानांतरित करना है ताकि यातायात दबाव को कम किया जा सके। अपर मुख्य सचिव (परिवहन) एल वेंकटेश्वरलू की अध्यक्षता में हुई एक समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसमें विभिन्न जनपदों के प्रशासनिक अधिकारियों और परिवहन विभाग के क्षेत्रीय प्रबंधकों ने भाग लिया।
बैठक में प्रमुख शहरों जैसे लखनऊ, कानपुर और वाराणसी में बढ़ती जाम की समस्याओं पर चर्चा की गई। यह पाया गया कि शहर के मध्य में स्थित बस स्टेशन नागरिकों के लिए जाम का मुख्य कारण बन रहे हैं, जिससे दैनिक जीवन में अवरोध उत्पन्न हो रहा है। अपर मुख्य सचिव वेंकटेश्वरलू ने शहर के बाहरी क्षेत्र में सेटेलाइट बस स्टेशनों के निर्माण की आवश्यकता पर जोर देते हुए सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे उचित स्थानों की पहचान कर इस प्रस्ताव को शीघ्र ही शासन को भेजें।
शहर के बाहरी इलाकों में बस स्टेशनों की स्थापना से यातायात का दबाव कम होगा और नागरिकों को बेहतर यात्रा अनुभव प्राप्त होगा। ये सेटेलाइट स्टेशन शहर की सीमा के पास स्थापित किए जाएंगे, जिससे बसें शहर के भीतरी इलाकों में प्रवेश किए बिना ही यात्रियों को लाने-ले जाने का कार्य कर सकेंगी।
वेंकटेश्वरलू ने निर्देश दिया कि प्रत्येक जनपद में अतिरिक्त जिला अधिकारी (ADM) और उप जिलाधिकारी (SDM) के साथ मिलकर जमीन की पहचान की जाए और प्रस्ताव को जल्द से जल्द शासन के पास भेजा जाए। साथ ही, यह भी ध्यान रखने को कहा गया कि इन स्टेशनों की डिजाइनिंग यात्री सुविधा और भविष्य की विस्तार योजनाओं को ध्यान में रखकर की जाए।
आउटर पर भूमि की पहचान: शहर के बाहरी क्षेत्रों में सेटेलाइट बस स्टेशनों के लिए उपयुक्त भूमि चिन्हित की जाएगी।
स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय: जिला प्रशासन और परिवहन अधिकारियों के बीच समन्वय स्थापित कर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जाएगी।
आधुनिक यात्री सुविधाएं: इन नए बस स्टेशनों में आधुनिक यात्री सुविधाओं और डिजिटल सूचना प्रणाली की व्यवस्था की जाएगी।
जाम में कमी: शहर के भीतरी इलाकों में बसों के आने-जाने से ट्रैफिक जाम की समस्या में कमी आएगी, जिससे स्थानीय नागरिकों को राहत मिलेगी।
परिवहन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इस प्रस्ताव के माध्यम से शहरों के यातायात को व्यवस्थित किया जा सकता है। इससे शहर के अंदरूनी इलाकों में बसों की संख्या कम हो जाएगी और प्रमुख जंक्शनों पर ट्रैफिक की भीड़ में भी कमी आएगी। यह योजना न केवल नागरिकों के लिए सहायक होगी बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी होगी, क्योंकि प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी।
इस प्रस्ताव को शहरी योजनाकारों और स्थानीय अधिकारियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। यदि इसे मंजूरी मिलती है, तो सेटेलाइट बस स्टेशनों के निर्माण में नए उपकरण और तकनीकी सुविधाओं का भी उपयोग किया जाएगा, जैसे कि यात्रियों को समय-सारणी की डिजिटल जानकारी देना और पार्क-एंड-राइड जैसी सुविधाएं प्रदान करना।
इस पहल को राज्य सरकार की दीर्घकालिक योजनाओं का हिस्सा माना जा रहा है, जो उत्तर प्रदेश में परिवहन नेटवर्क को और सशक्त बनाने का उद्देश्य रखता है। इस बैठक में विशेष सचिव (परिवहन) के.पी. सिंह, परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर सहित अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित रहे और उन्होंने इस योजना को शीघ्रता से लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने पर चर्चा की।
अपर मुख्य सचिव वेंकटेश्वरलू ने क्षेत्रीय प्रबंधकों और जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि वे जल्द से जल्द उपयुक्त स्थानों की पहचान करें और प्रस्ताव को शासन को भेजें। इस प्रक्रिया में सभी संबंधित अधिकारी एकजुट होकर कार्य करेंगे ताकि योजना समय पर पूरी हो सके।
Published on:
12 Nov 2024 11:20 pm
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