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भूलकर भी ऐसी जमीन पर न बनवाएं घर हो सकते हैं गरीब, भूमि दोष लाता है विनाश

Best Land In Vastu Shastra: सपनों का आशियाना जीवन की बड़ी उपलब्धियों में से एक और समृद्धि की निशानी है। लेकिन वास्तु शास्त्र की मानें तो कुछ ऐसी जमीन होती हैं जिन पर घर बनाना धन हानि और दरिद्रता को न्योता दे सकता है। आइये जानते हैं वास्तु शास्त्र नियमों के अनुसार कैसी जमीन अच्छी होती है।

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भारत

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Pravin Pandey

May 18, 2025

best land in vastu shastra

best land in vastu shastra: वास्तु शास्त्र के अनुसार अच्छी भूमि

Home Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के निर्माण के लिए भूमि के लक्षण और जल प्रवाह की दिशा जरूर देखना चाहिए। क्योंकि अच्छी और शुद्ध भूमि (best land for home) पर निवास करने वालों को तरक्की और सुख शांति मिलती है तो खराब या मृत भूमि पर बनाए मकान में रहने वालों के रात की नींद और दिन का चैन छिन सकता है। साथ ही मकान मालिक दरिद्र हो सकता है। आइये जानते हैं घर बनाने के लिए कौन सी जमीन अच्छी होती है और किस जमीन पर भूलकर भी घर नहीं बनवाना चाहिए।

गज पृष्ठ भूमिः गृह स्वामी को मिलता है धन और लंबी आयु


वास्तु चिंतामणि के अनुसार जो भूमि दक्षिण, पश्चिम, नैऋत्य और वायव्य दिशा में ऊंची हो और ईशान में नीची हो तो उसे गज पृष्ठ भूमि कहते हैं। यह भूमि घर बनाने के लिए अच्छी होती है और यहां रहने वाले गृह स्वामी को धन, आयु और लाभ मिलता है।

कूर्म पृष्ठ भूमिः घर वाले रहते हैं सुखी


यह भूमि बीच में ऊंची और चारों ओर नीची होती है। ऐसी भूमि पर घर बनाने से रहने वालों में उल्लास रहता है, घरवाले सुखी और धन धान्य वाले होते हैं।

दैत्य पृष्ठ भूमि पर न बनवाएं घर


ऐसी भूमि जो पूर्व, आग्नेय और ईशान दिशा में ऊंची और पश्चिम दिशा में नीची होती है, वह दैत्य पृष्ठ भूमि कही जाती है। ऐसी भूमि पर घर बनवाने से धन, जल और परिवार की सुख शांति की हानि होती है।


नाग पृष्ठ भूमिः परिवार वाले नहीं रहते सुखी


ऐसी भूमि जो पूर्व और पश्चिम दिशा में लंबी उत्तर दक्षिण दिशा में ऊंची और बीचों-बीच नीची होती है. उसे नाग पृष्ठ भूमि कहते हैं। ऐसी भूमि पर बनवाए गए घर में रहने वालों को उद्वेग, मृत्यु भय, स्त्री पुत्र आदि को मरण तुल्य कष्ट होता है। साथ में शत्रुओं की वृद्धि होती है।

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उत्तर दिशा में उतार सबसे अच्छा


वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा में उतार रहना चाहिए। साथ ही पूर्व में नैसर्गिक उतार भाग्य को बढ़ाता है। पूर्व की ओर जमीन का उतार रहने से सूर्य की किरणें जमीन और उस पर बने घर पर पड़कर शुभता बढ़ाती हैं। इससे घर में रहने वालों को हर तरह से बल मिलता है।


अच्छी जमीन के अन्य लक्षण
समृद्धि देने वाली होती है ऐसी जमीन


वास्तु चिंतामणि के अनुसार जिस जमीन में पूर्व, ईशान और उत्तर की ओर जल प्रवाह हो तो वह भूमि परिवार के लिए अत्यंत सुख-शांति और समृद्धि देने वाली होती है।


गरीब बना देता है ऐसी भूमि पर बना मकान


पश्चिम, वायव्य और नैऋत्य दिशा की ओर जमीन का उतार होने पर यह भूमि परिवार के लिए बेकार होती है। यह धन संकट बढ़ाकर परिवार वालों को गरीब बना देती है।


इस दिशा में उतार होने पर हो जाता है नाश


दक्षिण, आग्नेय दिशा में उतार होने से अचानक धन नाश, वंश नाश, विनाश मृत्यु का दुख झेलना पड़ता है।


रोग का कारण बनती है ऐसी जमीन


नैऋत्य और वायव्य में उतार होने पर परिवार के लिए रोग का कारण बनती है।


जमीन में गड्ढा है तो कर देगा नाश


भूमि के मध्य में गहरा होने पर सर्वनाश होता है।