scriptतीन साल में 800 बच्चे हुए कुपोषण से मुक्त, ऐसे काम करता है पोषण पुनर्वास केन्द्र | 800 children free from malnutrition in Nutrition Rehabilitation Center | Patrika News
वाराणसी

तीन साल में 800 बच्चे हुए कुपोषण से मुक्त, ऐसे काम करता है पोषण पुनर्वास केन्द्र

अति कुपोषित बच्चे की मां को भी मिलता है खाना, प्रतिदिन 50 रुपये के हिसाब से खाते में किया जाता है भुगतान

वाराणसीOct 01, 2019 / 04:35 pm

Devesh Singh

Nutrition Rehabilitation Center

Nutrition Rehabilitation Center

वाराणसी. पंडित दीनदयाल राजकीय अस्पताल में बनाये गये पोषण पुनर्वास केन्द्र कुपोषित बच्चों को स्वस्थ्य जिंदगी देने में जुटा हुआ है। वर्ष 2016 से स्थापित इस केन्द्र में तीन साल में ही 800 बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलायी जा चुकी है। यदि बच्चा अति कुपोषित है तो उसे 14 दिन भर्ती कर डाइटीशियन की देखरेख में उसे पोषक तत्व दिया जाता है। बच्चे की मां को भी भोजन उपलब्ध कराने के साथ ही उसके खाते में 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान होता है।
यह भी पढ़े:-इस माह 11 दिन बंद रहेंगे बैंक, जल्द निबटा ले सारा काम
भारत में कुपोषण एक बड़ी समस्या है। गरीबी व बड़ा परिवार होने के चलते बहुत से बच्चे जन्म के साथ ही कुपोषित होते हैं। यदि इन बच्चों में कुपोषण दूर नहीं किया जाता है तो गंभीर बीमारी से पीडि़त होकर मौत के मुंह में भी पहुंच जाते हैं। ऐसे में कुपोषित बच्चों को समय से पूरी डाइट मिलनी बहुत जरूरी होती है। बनारस में कुपोषित बच्चों को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए दीनदयाल राजकीय अस्पताल में पोषण पुनर्वास केन्द्र की स्थापना की गयी है। यहां के इनडोर में एक स्पेशल वार्ड बनाया गया है जहां पर 10 बेड लगा हुआ है। अस्पताल के सीएमएस डा.वी शुक्ला कहते है अभी तक 800 कुपोषित बच्चों को ठीक किया जा चुका है। मई 2019 में 26, जून में 29, जुलाई में 22 बच्चों को इलाज किया जा चुका है।
यह भी पढ़े:-Navratri 2019-नवरात्र के तीसरे दिन मां चन्द्रघंटा के दर्शन करने से शत्रु हो जाते हैं पराजित, यह होता है लाभ

चार कैटेगरी में होते हैं कुपोषित बच्चे
फीडिंग डिमोंस्ट्रेटर विदिशा शर्मा ने बताया कि कुपोषित बच्चों को तीन श्रेणी में बांटा गया है। पहले और दूसरे श्रेणी के कुपोषित बच्चों को न्यूट्रीशयन व माता-पिता की काउंसलिंग करके छोड़ दिया जाता है। जबकि तीसरे व चौथे श्रेणी के कुपोषित बच्चों को यहां पर 14 दिन भर्ती करके पोषण दिया जाता है। भर्ती बच्चों में विभिन्न बीमारियों की जांच के साथ कम से कम छह बार दूध, खिचड़ी, हलवा दिया जाता है।
यह भी पढ़े:-आठ साल के बच्चे के हाथ में थी शराब की बोतल, बीजेपी विधायक ने देखा तो उठाया यह कदम
केन्द्र में ऐसे लाये जाते हैं कुपोषित बच्चे
अस्पताल की ओपीडी में आने वाले बच्चों की आयु के अनुसार उनके वजन की जांच की जाती है यदि वजन मानक से कम होता है तो कुपोषण की स्थिति का पता कर इलाज किया जाता है। इसके अतिरिक्त आरबीएसके की टीम गांव-गांव में जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करती है यदि बच्चा कुपोषित मिला तो उसे केन्द्र में रेफर किया जाता है। आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ती के माध्यम से भी गांव-गांव में कुपोषित बच्चों का पता कर उसे अस्पताल लाया जाता है।
यह भी पढ़े:-27 साल से पुलिस पांच रुपये में इन लोगों को खिला रही थी खाना

Home / Varanasi / तीन साल में 800 बच्चे हुए कुपोषण से मुक्त, ऐसे काम करता है पोषण पुनर्वास केन्द्र

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो