scriptमहाशिवरात्रि पर धूम-धाम से निकलेगी शिव बारात, बरसाने की लट्ठमार होली और चिता भस्म की होली का भी मिलेगा लुत्फ | Historic Shiva barat procession will come out on 1 March in Kashi on Mahashivratri | Patrika News
वाराणसी

महाशिवरात्रि पर धूम-धाम से निकलेगी शिव बारात, बरसाने की लट्ठमार होली और चिता भस्म की होली का भी मिलेगा लुत्फ

महाशिवरात्रि पर काशी में परंपरागत रूप से एक मार्च को निकलेगी शिवबारात। अबकी शिवबारात में बरसाने की लट्टमार होली का नजारा भी देखने को मिलेगा तो थर्ड जेंडर समुदाय चिता भस्म की होली खेलते भी नजर आएंगे। बरसेगा गुलाल और गुलाब। गरीब परिवार के एक लड़के व लड़की का विवाह भी कराया जाएगा।

वाराणसीFeb 25, 2022 / 11:30 am

Ajay Chaturvedi

शिव बारात (फाइल फोटो)

शिव बारात (फाइल फोटो)

वाराणसी. विधानसभा चुनाव के बीच भगवान शिव की नगरी काशी में महाशिवरात्रि की तैयारी तेज हो चुकी है। काशीवासी भोलनाथ के विवाह की तैयारी में दिन-रात एक किए हुए हैं। इसी क्रम में काशी की ऐतिहासिक शिव बारात की तैयारी भी चरम पर है। बताया जा रहा है कि इस बार की शिव बारात में जो झांकियां निकलेंगी उनमें बरसाने की लट्टमार होली की झांकी भी होगी। साथ ही ट्रांस जेंडर समुदाय के लोग चिता भस्म की होली खेलते भी नजर आएंगे।
काशी में शिव बारात का इतिहास

बता दें कि काशी में महाशिवरात्रि पर शिव बारात निकलाने की पुरानी परंपरा है। शिव बारात के संयोजक दिलीप सिंह सिसोदिया ने पत्रिका से खास बातचीत में बताया कि सबसे पहले 1983 में शिव बारात निकाली गई थी, उस साल श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में सोना चोरी हो गया था। ऐसे में इसके विरोध स्वरूप जुलूस निकालने का निर्णय किया गया। लेकिन महाशिवरात्रि आते-आते चोरी गया सोना मिल गया तो इस जुलूस को विजय जुलूस में तब्दील कर दिया गया। तभी से परंपरा बन गई और हर साल महाशिवरात्रि को शिव बारात निकाली जाती है। इसमें परंपरागत रूप से सभी देवी देवता, भूत पिचास, गंधर्व, जानवार, मदारी, बैंड-बाजा के साथ सज धज के निकलते हैं। आकर्षक झाकियां शामिल की जाती हैं। इस बारात में सिर्फ देश से ही नही बल्कि विदेशों से भी शिव भक्त आते हैं और बाराती बनते हैं। बारात पुराणो में वर्णित शिव बारात के तर्ज पर निकलती है और पूरी दुनिया को काशी की मौज मस्ती का एहसास कराती है।
शिव बारात के आयोजक दिलीप सिंह सिसोदिया
चार तरह की होली की झांकी होगी आकर्षण का केंद्र

उन्होने बताया कि इस बार की शिवबारात का आकर्षण चार तरह की होली होगी। इसमें बरसाने की लट्टमार होली, वृंदावन की फूलो की होली भी होगी। वहीं थर्ड जेंडर समुदाय के लोग चिता भस्म की होली खेलता नजर आएगा। इतना ही नहीं राजस्थान की रोबीली होली की झांकी भी होगी। सिसोदिया ने बताया कि शिव बारात में रंगभूमि द इवेंट अविरल गंगा सोसाइटी और मनमौजी इवेंट की ओर से आकर्षक झांकियां शामिल की जाएंगी जो शिव भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र होंगी।
मैदागिन से शाम सात बजे निकलेगी बारात

सिसोदिया ने बताया कि शिव बारात परंपरागत रूप से शाम सात बजे मैदागिन से निकलेगी और शहर के विभिन्न मोहल्लों से होते हुए रात में डेढ़सीपुल (विश्वनाथ गली) पहुंचेगी। वहां देव गुरु बृहस्पति मंदिर परिसर में बारातियों का स्वागत भगवान शिव को अति प्रिय ठंडई से कराया जाएगा। फिर एक गरीब परिवार के बालक-बालिका का विवाह भी होगी।
सौरभ मिश्र श्री राम चालीसा से प्रस्तुत करेंगे रामायण का सार

उन्होने बताया कि इस मौके पर सौरभ मिश्र अपने द्वारा तैयार श्री राम चालीसा का पाठ करेंगे। इस राम चालीसा में तुलसीकृत रामायण का सार महज 10 मिनट में प्रस्तुत किया जाएगा।

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