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माफिया से माननीय बने बृजेश के शपथ पर लगा ग्रहण

यूपी पुलिस के चक्रव्यूह में फंसे बृजेश सिंह नहीं ले पाए विधान परिषद सदस्य की शपथ, बनारस में भी नहीं हो सकी पेशी

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Vikas Verma

Mar 09, 2016

newly mlc and mafia don brijesh singh

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वाराणसी. समाजवादी पार्टी को बृजेश सिंह का माफिया से माननीय बनना रास नहीं आ रहा है। सत्ता के इशारे पर सूबे की पुलिस ने ऐसा चक्रव्यूह रचाया कि सूर्यग्रहण के बीच नवनिर्वाचित एमएलसी बृजेश सिंह के शपथ पर भी ग्रहण लग गया। बृजेश सिंह बुधवार को विधान परिषद सदस्य की शपथ लेने राजधानी लखनऊ नहीं पहुंच पाए। बृजेश सिंह की वाराणसी में सिकरारा कांड की पेशी थी। पुलिस के खेल के आगे बृजेश वाराणसी पेशी पर भी नहीं आ सके।
सेना भर्ती का हवाला देकर हुआ खेल
दरअसल, मतदान से पूर्व सत्ता के इशारे पर बृजेश सिंह को वाराणसी केंद्रीय कारागार से पहले शाहजहांपुर और फिर सहारनपुर जेल भेज दिया। माफिया डॉन से माननीय बनने की राह में सरकार ने कई रोड़े डाले लेकिन सरकार सफल नहीं हो पाई और बृजेश सिंह ने सपा को करारी पटखनी तो दी ही अपना पुराना हिसाब भी चुकता किया। बुधवार को विधान परिषद में नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई गई। बृजेश सिंह को भी शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करना था विधान परिषद सदस्य की शपथ लेने को। समर्थक सहारनपुर और लखनऊ पहुंच चुके थे। बृजेश भी तैयार बैठा था कि जेल प्रशासन ने सूचना दी कि सहारनपुर में सेना भर्ती के चलते फोर्स का अभाव है। सेना भर्ती में फोर्स की ड्यूटी दिखाते हुए सहारानपुर जिला प्रशासन ने गारद की कमी का बहाना बनाते हुए असमर्थता जता दी। बृजेश सिंह को जैसे ही यह समाचार मिला, मायूस हो गए। सत्ता के इशारे पर हुए खेल ने बृजेश सिंह और उसके परिवार को सरकार पर तोहमत लगाने का एक और मौका मिल गया।
बनारस में तैयार था सुरक्षा घेरा
हैरानी की बात यह कि वाराणसी पुलिस प्रशासन को सहारनपुर जिला प्रशासन के खेल की भनक तक नहीं लगी। इतना ही नहीं स्थानीय पुलिस प्रशासन को यह तक मालूम नहीं था कि बृजेश सिंह को बुधवार को लखनऊ में विधान परिषद सदस्य की शपथ लेनी थी। वाराणसी पुलिस नौ मार्च को बृजेश की पेशी के हिसाब से अपनी तैयारी कर रही थी। सुबह से ही कचहरी में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए थे। कई थानों की फोर्स भी कचहरी व जिला मुख्यालय पर डेरा डाल चुकी थी। दोपहर 12 के बाद वाराणसी पुलिस को मालूम हुआ कि बृजेश तो सहारनपुर की जेल में ही है।
घर में बैठा था रामायण का पाठ, गुस्से में परिवार
विधान सभा में हार के बाद विधान परिषद में मिली जीत से बृजेश सिंह का परिवार काफी उत्साहित था। बृजेश के परिवार के लिए मार्च का महीना दोगुनी खुशी लाया था। छह को मतगणना में जीत मिली तो सात को शिवरात्रि के ठीक एक दिन बाद आठ मार्च को बृजेश की शादी की सालगिरह थी। बृजेश की पत्नी पूर्व एमएलसी अन्नपूर्णा सिंह ने पति की जीत व शादी की सालगिरह के उपलक्ष्य में रामायण का पाठ बैठवाया था। अन्नपूर्णा सिंह खुद तो बनारस में पूजा-पाठ के लिए मौजूद थीं लेकिन परिवार के अन्य सदस्यों व समर्थकों को लखनऊ भेज दिया था शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए। शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए पहुंचे लोगों को जैसे ही यूपी पुलिस के खेल का पता चला भड़क उठे। समर्थकों का कहना था कि वारााणसी में भी सेना भर्ती के दौरान बृजेश सिंह को कोर्ट में फोर्स ने पेश कराया था। आरोप लगाया कि सरकार के इशारे पर सहारनपुर जिला प्रशासन ने फोर्स की कमी का बहाना बनाया है। सरकार पहले से ही बृजेश सिंह को रोकने की कोशिश में जुटी थी लेकिन अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सकी। आरोप लगाया कि सरकार बृजेश सिंह को शपथ दिलाने में जानबूझकर देरी करा रही है। गौरतलब है कि बृजेश सिंह का परिवार सपा सरकार से लेकर सूबे के मुखिया अखिलेश यादव पर पहले भी कई गंभीर आरोप लगा चुका है।