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पंचायत चुनाव: महिला प्रत्याशियों को नहीं है सामान्य ज्ञान की जानकारी

प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पंचायत चुनाव में अधिकतर महिला प्रत्याशी अपना दावा ठोक रहे है, इन महिला प्रत्याशियों को सामान्य ज्ञान तक नहीं है

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Oct 12, 2015

Gram Panchayat elections

Gram Panchayat elections

वाराणसी.
पूरे प्रदेश में पंचायत चुनाव का बिगुल बज गया है। मतदान को लेकर प्रत्याशी और मतदाता सभी में उत्साह देखा जा रहा है। यह जानकार बेहत हैरानी होगी की प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पंचायत चुनाव में अधिकतर महिला प्रत्याशी अपना दावा ठोक रहे है। इसमें अजीब बात ये है की इन महिला प्रत्याशियों को सामान्य ज्ञान तक नहीं है और न ही अपने क्षेत्र के बारे में कोई जानकारी। अपने पति के भरोसे से ये किसी तरह चुनाव जीत कर कुर्सी पाना चाहती है।


पंचायत चुनाव शुरू हो चूका है। मतदाता कड़ी धुप में भी लाईन लगाकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे है। ताकि उन्हें अच्छा और उनके क्षेत्र का विकास करने वाला इंसान कुर्सी पर बैठ सके, उन्हें ये नहीं पता जिन प्रत्याशियों को वो अपना बहुमूल्य वोट दे रहे है उनमें से अधिकतर के पास तो सामान्य ज्ञान की ही कमी है किसी को अपने क्षेत्र के बारे में ही नहीं मालुम तो किसी प्रत्याशी को अपने क्षेत्र की समस्या ही नहीं पता।



वाराणसी में हो रहे पंचायत चुनाव में अधिकतर प्रत्याशी महिला है। इन महिला प्रत्याशीयों में ज्यादातर प्रत्याशी डमी के रूप में चुनाव लड़ रहे है क्योंकि इनके चुनाव की अधिकतर जिम्मेदारी इनके पति परमेश्वर ही उठा रहे है। अपने पति के साथ कदम-से-कदम मिलाकर मतदाताओं से वोट की अपील करती ये है।


उषा कौल जो बडगावो की सेक्टर नंबर दो से जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनाव लड़ रही है। ये बेरोजगारो को रोजगार देना चाहती है और पंद्रह साल से चुनाव जितने के लिए मेहनत कर रही है। पर देश के उपरष्ट्रपति का नाम नहीं पता और देश के पहले प्रधानमंत्री का नाम तक नहीं पता। जो बोलती भी है वो उनके पतिदेव बताते है। वहीं सफाई में इनके पति कहते हैं कि मैं मेहनत कर रहा हुं। कभी कैमरा नहीं देखा इसलिए मेरी धर्मपत्नी घबरा गई। यही हाल दूसरी महिला प्रत्याशी का भी है ये है।


वहीं साधुगंज की महिला प्रत्याशी पूजा वर्मा मिली इन्हें ये भी नहीं पता की इनके क्षेत्र में कितने वोटर है और न ही इन्हें ये पता है

कि इनके क्षेत्र में क्या परेशानियां है। जनता पर चुनाव लड़ने के लिए बड़े ही जोर शोर से ताल ठोक दिया है। सामान्य ज्ञान पूछने पर, देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री इन्होंने नरेंद्र मोदी को बना दिया। एक सवाल सही जवाब दिया भी तो तब जब इनके समर्थक ने उनके कान में उत्तर बता दिया।




उनकी पत्नी चुनाव जीत जाए इसलिए वो महीनों से मेहनत कर रहे है। जनता के हाथ पांव तक पड़ रहे है। ताकि उनकी धर्म पत्नी किसी तरह चुनाव जीत जाए। जब इनसे पूछा गया की आपकी पत्नी को कुछ नहीं मालुम तो ऐसे में जनता का भला कैसे करेंगी तो उन्होंने ही शालीनता से जवाब दिया की भई पहला चुनाव है, हमारी पत्नी का इसलिए उन्हें अभी कुछ पता नहीं है। उसके बाद बड़ी ही शालीनता से इस दम्पत्ति ने लोगों से वोट की अपील की और लक्जरी गाडी में चलते बने। ऐसे में अगर ये प्रत्याशी जीत कर आये तो बेचारी जनता का क्या होगा।


ये बात सिर्फ यही खत्म नहीं होती हम फिर एक दूसरे महिला प्रत्याशी अनीता यादव से मिले। जो समाजवादी पार्टी समर्थित प्रत्याशी है। इनसे जो भी सवाल पूछा गया वो सिर्फ मुस्कुराती ही नजर आई। जो कुछ बोला भी वो अपने पति के बोल को ही दोहराती नजर आई। उनके पति भी अपने पत्नी का बड़े ही मासूमियत से बचाव करते हुए नजर आए। विश्वास जरूर दिलाया की अगर हमारी धर्मपत्नी जीती तो ये गांवों लोहिया गांवों की श्रेणी में आ जायेगा।


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