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खुशियां और उल्लास हमारी प्रकृति में है फिर भी हम तनाव में क्यू हैं- राष्ट्रपति

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने  'वर्ल्ड हैप्पीनेस 2015' की रिपोर्ट पर जताई चिंता

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Ashish Kumar Shukla

Jan 11, 2017

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वाराणसी. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए 'बिल्डिंग ए हैप्पी सोसायटी' विषय पर संबोधित करते हुए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने मंगलवार को केंद्रीय विश्वविद्यालयों व आईआईटी के शिक्षकों व विद्यार्थियों को खुशहाल समाज के टिप्स दिए। बीएचयू के स्वतंत्रता भवन व आईआईटी बीएचयू में इस कार्यक्रम का इसका सीधा प्रसारण किया गया। राष्ट्रपति ने कहा कि हमें लोगों की संवदनाओं को समझना होगा और लोगों के चेहरे पर खुशहाली लाने के प्रयास करने होंगे।




तनाव और नकारात्मक ऊर्जा से खतरा

यह आश्चर्यजनक है कि में हमारा देश 158 में से 117वें पायदान पर है। जबकि मस्ती और उल्लास हमारी प्रकृति में है। इसके बाद भी हम तनाव, अवसाद, दुख, पीड़ा, नकारात्मक ऊर्जा से घिर गए हैं।


तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में शामिल है इंडिया

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने कहा कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में शामिल हैं। विज्ञान और तकनीकी के मामले में हम दूसरे नंबर पर हैं। मिलिट्री पावर में तीसरे पायदान पर हैं, न्यूक्लियर क्लब में छठवें नंबर पर हैं।



बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में कुलपति प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी, विभिन्न संस्थानों के निदेशक, संकायों के डीन, रजिस्ट्रार डॉ. केपी उपाध्याय, शिक्षकों व विद्यार्थियों ने राष्ट्रपति का संबोधन सुना और इसे काफी सराहा।

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