scriptज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंगनुमा आकृति का शनिवार को होगा पूजन, अविमुक्तेश्वरानंद ने जारी किया टाइम शेड्यूल | Shivling-like figure found in Gyanvapi campus will be worshiped on Saturday Avimukteshwaranand released time schedule | Patrika News

ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंगनुमा आकृति का शनिवार को होगा पूजन, अविमुक्तेश्वरानंद ने जारी किया टाइम शेड्यूल

locationवाराणसीPublished: Jun 03, 2022 04:44:00 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के दौरान वजूखाने में मिली शिवलिंगनुमा आकृति जिसे प्रतिवादी पक्ष फौवारा बता रहा है उसे आदि विशेश्वर का शिवलिंग मानते हुए ज्योतिष एवं द्वारकाशारदापीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद शनिवार को पूजन करेंगे। इसकी घोषणा उन्होंने मीडिया के सामने गुरुवार को की थी। शुक्रवार को उन्होंने पूजन का टाइम शेड्यूल जारी कर दिया है।

स्वामी  अविमुक्तेश्वरानंद

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

वाराणसी. ज्ञानवापी परिसर स्थित मस्जिद के वजूखाने में मिली शिवलिंगनुमा आकृति जिसे प्रतिवादी फौवारा करार दे रहे है का शनिवार को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद पूजन-अर्चन करेंगे। इसकी घोषणा उन्होंने गुरुवार को ही मीडिया के सामने की थी। अब शुक्रवार को उन्होंने पूजन-अर्चन का मिनट-टू-मिनट शेड्यूल जारी किया है।
पूजन-अर्चन का शेड्यूल

ज्योतिष एवं द्वारकाशारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पूजन-अर्चन के बाबत जारी किय शेड्यूल…
1-शनिवार 2079 विक्रमी ज्येष्ठ शुक्ल पंचमी, 4 जून 2022 को सुबह 8.30 बजे श्रीविद्यामठ से कुल 71 लोगों के साथ स्वामी अविमुक्तेश्वरा नंद निकलेंगे
-71 लोगों में पूज्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के साथ उनके एक ब्रह्मचारी रहेंगे। इसके अतिरिक्त 64 भक्त पूजन सामग्री के साथ रहेंगे तथा 5 पण्डित रहेंगे।
-नाव से केदारघाट से ललिताघाट पहुंचेंगे और वहां से गंगाजल कलशों में भरकर प्रकट हुए शिवलिंग तक जाएंगे।
-पूजा आरती भोगराग लगाकर पुनः 10 बजे श्रीविद्यामठ केदारघाट लौट आएंगे।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भले ही ज्ञानवापी जा कर शिवलिंगनुमा आकृति के पूजन से संबंधित टाइम शेड्यूल जारी कर दिया हो पर जिला व पुलिस प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी है। शुक्रवार को जिला प्रशासन के अधिकारियों ने श्री विद्या मठ पहुंचकर इसकी जानकारी दे दी थी।
प्रकरण अदालत में विचाराधीन, नहीं दी जा सकती अनुमति

इस संबंध में डीसीपी काशी जोन आर एस गौतम ने कहा है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंगनुमा आकृति के शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार सनातनी हिंदू पद्धति के अनुसार पूजन-अर्चन-राग-भोग अविछिन्न रूप से सतत् होते रहने की मांग की गई है। इस संबंध में विभिन्न स्रोतों से जानकारी की गई। साथ ही संबंधित से आख्या प्राप्त की गई। साथ ही समस्त अभिलेखों का अवलोकन किया गया। इसके बाद स्पष्ट हुआ की जिस स्थल पर नियमित पूजा अर्चना एवं राग-भोग करने की अनुमति मांगी जा रही है, उस परिसर के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय व जिला न्यायालय, सिविल सीनियर डिविजन के यहां वाद विचाराधीन है। उस स्थल को न्यायालय के आदेश से सील किया गया है। वो नौ तालों में बंद है और वहां सीआरपीएफ का पहरा है। ऐसे में शांति व कानून व्यवस्था कायम रखने के तहत स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को वहां जाने अनुमति नहीं दी जा सकती। इसके बावजूद भी यदि कोई कानून का उल्लंघन करता है या शांति व्यवस्था भंग करने की कोशिश करता है, तो उसके विरूद्ध कठोरतम कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
शंकराचार्य स्वरूपानंद के आदेश पर होगी पूजा

बता दें कि गुरुवार को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मीडिृया को बताया था कि ज्योतिष एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने आदेशित किया है कि जाओ और आदि विश्वेश्वर भगवान् की पूजा शुरू करो। उन्होंने बताया कि ये आदेश तब आया जब शंकराचार्य जो मध्य प्रदेश में स्वास्थ्यलाभ कर रहे है को काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर से संबंधित सारी जानकारी दी गई।
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