अजमेर. देश के पहाड़ी इलाकों में लगातार बर्फबारी (snowfall) से मरुधरा पर भी सर्दी की रंगत बढ़ गई है। जहां फतेहपुर में पारा शून्य से भी नीचे पहुंच चुका है। वहीं अजमेर भी कडाक़े की ठंड से ठिठुरा हुआ है। शुक्रवार सुबह से शाम कड़ाके की ठंडक रही। वाहनों और हरी घास पर बर्फ (snow in ajmer) जम गई।
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पौष की सर्दी ने सुबह से ही कंपकंपाए रखा। नलों में पानी भी बर्फीला महसूस हुआ। लोग गर्म कपड़ों में लिपटे रहे। सूरज निकलने के बाद भी ठंडक (coldness) कायम रही। दोपहर में धूप में तीखापन बढ़ा है पर गलन चैन नहीं लेने दे रही है। लोग कभी धूप तो कभी छांव में बैठे रह हैं। पिछले एक महीने से सडक़ों और बाजारों में चहल-पहल सिमटी हुई है। देर रात और सुबह सडक़ों पर अलाव और घरों में हीटर जलाने पड़े रहे हैं। रात के तापमान में 5 से 9 डिग्री की गिरावट बनी हुई है।
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जब 3 डिग्री था पारा…..
अजमेर में कभी सर्दी, गर्मी और बरसात का मौसम बेहद सुहावना (pleasent weather) होता था। लेकिन जैव विविधता और हरियाली में कमी, प्रदूषण के चलते पिछले 10-15 साल में स्थिति बदल गई है। अब शहर कड़ाके की ठंड से कंपकंपाने लगा है। साल 2017 में 13 जनवरी अजमेर का सबसे सर्द दिन रहा था। इस दिन पारा पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ता हुआ 3.0 डिग्री पर पहुंच गया था। उसके बाद इस बार 28 दिसंबर को पारा 4 डिग्री पर पहुंचा था।
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जनवरी-फरवरी में मावठ
मौसम विभाग के अनुसार हिमालयी इलाकों में बर्फबारी के चलते जिले में कड़ाके की ठंडक बढऩे के आसार हैं। पश्चिमी विक्षोभ बनने पर प्रदेश में जनवरी-फरवरी में मावठ (rain in ajmer) भी हो सकती हैष इस दौरान पारे के ग्राफ में तब्दीली होगी। तेज ठंडक से कहीं-कहीं पाला पडऩे के साथ-साथ कोहरा बढ़ सकता है।
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