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Toilet Dispute: टॉयलेट निर्माण की आड़ में कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स नहीं मंजूर

र दरगाह दीवान को कानून के विरुद्ध दुकानें, टू बीएचके के दो फ्लैट की अनुमति और मध्य भाग में शौचालय बनाया जाना प्रस्तावित हुआ।

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अजमेर. दरगाह (garib nawaz dargah) के सोलहखम्भा इलाके में टॉयलेट निर्माण मुद्दा तूल पकड़ रहा है। खादिमों ने इसे कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स (commercial complex) की मंशा बताते हुए एमओयू की शर्तों का उल्लंघन, वक्फ संपत्ति को खुर्द-बुर्द करना बताते हुए विरोध किया है।

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खादिम सैयद गुलाम मुस्तफा चिश्ती ने पत्रकारों को दस्तावेजों के आधार पर बताया कि दरगाह के सोलहखम्भा इलाके में जायरीन की सुविधार्थ टॉयलेट बनाए जाने हैं। इसका कार्य बीती 5 दिसंबर को शुरू हुआ था। यहां टॉयलेट (toilet construction) बनाए जाने से खादिम अथवा किसी व्यक्ति को ऐतराज नहीं है। लेकिन शौचालय की जमीन को दरगाह कमेटी (dargah committee) की खुर्द-बुर्द करने की मंशा पर उनकी आपत्ति है।

शेखजादा जुल्फिकार चिश्ती ने बताया कि दरगाह कमेटी ने दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन से 9 अक्टूबर 2016 को एमओयू किया था। इसमें वक्फ भूमि (waqf land) पर दरगाह दीवान को कानून के विरुद्ध दुकानें, टू बीएचके के दो फ्लैट की अनुमति और मध्य भाग में शौचालय बनाया जाना प्रस्तावित हुआ।

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किए गए दो अनुबंध
सैयद बाबर चिश्ती, काजी मुनव्वर अली ने बताया कि दरगाह कमेटी ने दो एमओयू (MOU) किए। इसमें लिखा गया है, कि शौचालय की भूमि पर व्यावसायिक निर्माण दरगाह दीवान (dargah diwan) द्वारा कराया जाएगा। नगर निगम से नक्शा दरगाह कमेटी पारित कराएगी। लेकिन एमओयू की शर्तों का उल्लंघन किया गया।

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इसमें दरगाह दीवान ने सम्पत्ति को अपनी जायदाद बताते हुए नगर निगम (municipal corporation) में 17 अक्टूबर 2016 को नक्शा पेश किया। इसमें 1931, 1933 1934 सहित अन्य न्यायालय के निर्णय पेश किए गए। लेकिन दीवानी वाद 105/1994, अपर सेशन न्यायलय के 4 अक्टूबर 2018 के फैसले में दरगाह कमेटी बनाम दरगाह दीवान में पारित निर्णय में यह सम्पत्ति दरगाह कमेटी की मानी गई है।

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नींव से कंगूरे तक बने शौचालय
अब्दुल नईम खान, सैयद आमाद चिश्ती और अन्य ने बताया कि सोलहथम्भा पर नींव से कंगूरे तक शौचालय बनाने से किसी को ऐतराज (no controversy) नहीं है। लेकिन इस संपत्ति पर कॉर्मिशयल कॉम्पलेक्स निर्माण की मंशा का विरोध किया जाएगा। सीधे तौर पर दरगाह संपर्क सडक़ से प्रस्तावित कॉम्पलेक्स को जोडकऱ लाभांश कमाने की इच्छा दिख रही है। इस मामले में जनहित याचिका भी लंबित है।

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