Surya Ke Upay : जयपुर के ज्योतिषी पं. सतीश चंद्र शास्त्री के अनुसार जीवन में सफलता, आत्मविश्वास, पद और प्रतिष्ठा के लिए सूर्य का आशीर्वाद बेहद जरूरी है। यह आत्मविश्वास, आत्मबल हमें सूर्य की आराधना और आशीर्वाद से प्राप्त होता है। पंडित सतीश चंद्र शास्त्री के अनुसार जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य खराब है तो उसका आत्मविश्वास कमजोर रहेगा। ऐसे में इस जातक को कुंडली में सूर्य मजबूत करने के लिए सूर्य के उपाय करने चाहिए। आइये जानते हैं इसके प्रमुख उपाय
कुंडली में सूर्य मजबूत करने और आत्मबल बढ़ाने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। पं. शास्त्री के अनुसार आदित्य हृदय स्त्रोत से भगवान राम ने भी सूर्य का आशीर्वाद हासिल किया था। ये सूर्य के आशीर्वाद के लिए विशेष उपाय है।
पं. शास्त्री के अनुसार यदि जन्म कुंडली में या गोचर के कारण जातक का सूर्य खराब है तो उस व्यक्ति को सूर्य दोष दूर करने यानी सूर्य की शांति के लिए रविवार का व्रत रखना चाहिए। विशेष रूप से खयाल रखें कि रविवार के व्रत में नमक न खाएं, इस दिन अलौना व्रत करें।
रोज भगवान सूर्य को अर्घ्य दें और आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें। यदि आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ संभव नहीं है तो भगवान सूर्य के द्वादश नाम रोज कम से कम 12 बार पढ़े। क्योंकि द्वादश आदित्य हैं। सूर्य हमारे यहां 12 माने गए हैं। इस हिसाब से एक-एक सूर्य का एक पाठ।
यह आप कर सकते हैं कि संकल्प कर लीजिए कि मुझे 4 रविवार में कितना पाठ करना है। इस तरह कुल 21 रविवार के व्रतों में 108 पाठ कर लें तो एक अनुष्ठान पूरा हो जाएगा।
सूर्य आत्मा हैं, इस कारण सूर्य की प्रार्थना करने से आत्मबल बढ़ता है। जब व्यक्ति का आत्मबल गिर जाता है तो वह किसी भी कार्य में सफल नहीं होता है। इस कारण आत्मबल बढ़ाने के लिए सूर्य की आराधना आवश्यक है।