बिलासपुर – शिवानी दीदी ने कहा कि जिन खुशियों की तलाश में हम बाहर भटकते हैं दरअसल वह हम आत्मा के निजी संस्कार हैं। हम अपने मूल स्वरूप आत्मा को भूल, देह समझने से तेरे मेरे के फेर में दूसरों को दुख का कारण समझ लेते हैं। सदा खुश रहने का मंत्र है मुझे क्या सोचना है यह मुझ पर निर्भर करता है। संकल्प से सृष्टि बनती है। अगर हमारे द्वारा सबके लिए दुआएं ही निकलें तो इस कलयुग को सतयुग बनते देर नहीं लगेगी, नहीं तो दोषारोपण, निंदा के चलते घोर कलयुग बन ही गया है। कार्यक्रम में बीके मंजू दीदी, हेमा दीदी, आशा दीदी, रूकमणी दीदी, सविता बहन, विधायक शैलेश पांडेय, पुलिस अधीक्षक संतोष सिह, अमर अग्रवाल, कुलपति एडीएन वाजपेयी, डीआरएम प्रवीण पांडे, डीआईजी भवानी शंकरनाथ, राज्य प्रभारी जया मिश्रा एवं शहर समेत आसपास के गांव और रायगढ़, बरगढ़, कोरबा, खरसिया से आए हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।
हर दिन खुद के लिए समय निकालना जरूरी…
शिवानी दीदी ने जोर देते हुए कहा कि हर व्यक्ति को दिन में अपने लिए कुछ समय निकलना चाहिए। जब तक हम अपने दिमाग को स्थिर कर योजनाबद्ध तरीके से नहीं चलाते हैं तब तक हमारे मन में बेकार और नकारात्मक विचार आते रहेंगे वहीं अगर योजना बना कर उस योजना पर समय पर अमल न कर पाएं तो यह भी तनाव पैदा करेंगे। इससे बचने के लिए अगर हर व्यक्ति दिन में खुद के लिए 15 मिनट का समय निकाले तो उसका दिमाग सकारात्मक ऊर्जा से भर जाएगा और इससे अपने संकल्प पर सिद्धि पाने में सहायता होगी।
कमजोरी को खत्म करने की कोशिश हमारे अंदर गुण पैदा करती है…
यह बेहद जरूरी है कि हम अपनी कमजोरियों को पहचान कर उसको दूर करने के लिए प्रयास करें। चाहे इसका लाभ हमें तुरंत दिखाई दे या न दे। इस प्रक्रिया में यह बेहद ही आम सोच सामने आती है कि इतने प्रयासों के बावजूद हममें किसी भी तरह का परिवर्तन नहीं हो रहा है। लेकिन लगातार अपनी खामियों पर काम करते रहने पर निश्चित रूप से हमारे अंदर सदाचारी गुण आते हैं।