छतरपुर। नगर पालिका के द्वारा अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा जल और आवासीय कर के जरिए ही मिलता है। पिछले कई सालों से विकसित होते छतरपुर का सर्वे नहीं किया गया जिसके कारण आवास और जलकर का बहुत कम हिस्सा संस्था को मिल रहा है। सीएमओ ओमपाल सिंह ने अब पूरे शहर के सर्वे का अभियान छेड़ रखा है। पिछले एक महीने से चल रहे इस सर्वे के माध्यम से 120 कर्मचारी शहर के 40 वार्डों के एक-एक घर और व्यवसायिक प्रतिष्ठान को नगर पालिका के पोर्टल पर दर्ज कर रहे हैं। इन संपत्तियों के दर्ज होने के बाद सभी को टैक्स के नोटिस भेजे जाएंगे। अब तक छतरपुर में 39 हजार कर दाता थे लेकिन नए सर्वे के माध्यम से अब करदाताओं की संख्या 50 हजार के ऊपर पहुंच सकती है।
टैक्स के लिए मशीन लेकर जाएंगी टीमें
सीएमओ ओमपाल सिंह भदौरिया ने बताया कि आगामी 15 दिनों में सर्वे का काम पूरा हो जाएगा। तदोपरंात सभी संपत्तियों का वेरीफिकेशन और पोर्टल में उनके दर्ज होने का काम भी किया जाएगा। एक बार सारी संपत्तियां रिकॉर्ड पर आ गईं तो उनसे टैक्स कलेक्शन के लिए 20 टीमों को 20 पेमेंट मशीनों के साथ 40 वार्डों में भेजा जाएगा। जो लोग कार्ड से पेमेंट करना चाहते हैं वे इन मशीनों के माध्यम से पेमेंट कर सकते हैं जबकि जो लोग नगद देना चाहते हैं उन्हें कर्मचारी को नगद राशि देनी होगी लेकिन कर्मचारी इसी मशीन में मौजूद वॉलेट से राशि का भुगतान नगर पालिका को कर देगा। कुल मिलाकर पूरा टैक्स कलेक्शन प्रोसेस तकनीकि के माध्यम से आसान, सुलभ और पारदर्शी बनाया जा रहा है।
कर्ज में डूबी छतरपुर नगर पालिका
जिले की सबसे बड़ी नगर पालिका जिस पर तकरीबन दो लाख से अधिक लोगों को पानी, सफाई, स्ट्रीट लाइट सहित अनेक जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है वह इन दिनों बुरे दौर से गुजर रही है। नगर पालिका पर ठेकेदारों, राज्यस्तरीय कार्यक्रमों को कर रही कंपनियों सहित बिजली कंपनी को बड़ा भुगतान करना है लेकिन इस भुगतान के लिए उसके पास राशि का अभाव है। हालत यह है कि अमृत परियोजना का काम कछुआ गति से आगे बढ़ रहा है तो वहीं पिछले दिनों समय पर बिजली भुगतान न हो पाने के कारण बिजली कंपनी को कार्यालय का ही कनेक्शन काटना पड़ा था। कर्ज के कारण बुरे दौर से गुजर रही छतरपुर नगर पालिका को सांसें लौटाने के लिए अब कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के निर्देश पर सीएमओ ओमपाल सिंह भदौरिया ने नगर पालिका की आय को बढ़ाने के लिए नए तरीके इजाद करने शुरु कर दिए हैं। नगर पालिका अब शहर के आवासीय, जल कर सहित अन्य करों को वसूलने के लिए व्यापक रणनीति बना रही है। टैक्स कलेक्शन की इस प्रक्रिया को तकनीक के साथ डिजीटल भी किया जा रहा है।
कर वसूली नहीं होने से कई काम हो रहे प्रभावित
नगर निकाय चुनावों के ठीक पहले छतरपुर जिले की प्रमुख नगर पालिका बुरी स्थितियों से जूझ रही है। अमृत परियोजना को गर्मियों के पहले सुचारू रूप से शुरु कराने के लिए नगर पालिका को बिजली विभाग से 33 केव्ही का नया कनेक्शन लेना है। जबकि बिजली कंपनी पहले पुराना भुगतान मांग रही है। आवास योजना के अंतर्गत गरीबों को निर्मित मकान दिए जाने की योजना रुपए न होने के कारण धराशायी पड़ी है। शहर में नालियों का निर्माण, सड़कों का निर्माण लगभग बंद पड़ा है। नगर पालिका के पास जब तक आमदनी नहीं होगी तब तक कई काम प्रभावित होते रहेंगे।