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जैन धर्म में तप का इतिहास बहुत प्राचीन

मुनि मोहजीत कुमार ने कहा कि हमारे इस चातुर्मास की यह तपस्या विशेष उपलब्धि है। जैन धर्म में तप का इतिहास बहुत प्राचीन है। आज भी अनेकों तपस्वी तप गंगा में स्नान कर अंत:करण से पवित्रता की ओर अग्रसर होते हैं।

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मासखमण तप अनुमोदन समारोह

चिक्कमगलूरु. मुनि मोहजीत कुमार ने कहा कि हमारे इस चातुर्मास की यह तपस्या विशेष उपलब्धि है। जैन धर्म में तप का इतिहास बहुत प्राचीन है। आज भी अनेकों तपस्वी तप गंगा में स्नान कर अंत:करण से पवित्रता की ओर अग्रसर होते हैं।

चिक्कमगलूरु में 31 दिन की तपस्या करने वाले जसवन्त डोसी के तप अनुमोदना के कार्यक्रम सान्निध्य कर मुनि मोहजीत कुमार ने कहा कि मानव जीवन का उद्देश्य है कि मुक्ति। तपस्या उसका साधन है। तपस्या की परिणति आत्मानन्द है। प्रत्येक धर्म और परम्परा में तप के अनेक प्रकार के अनुष्ठान होते हंै। जैन परम्परा में तप के बारह प्रकारों का वर्णन है। जैन परम्परा में साधु-साध्वियां ही नहीं श्रावक-श्राविकाएं भी तप से जुड़े हुए हैं। इसमें भी चतुर्मास काल में तप का क्रम बहुलता के साथ होता है। जैन शासन में अतीत में बड़े-बड़े महान तपस्वियों ने तप में निरत रहकर जैन धर्म की प्रभावना को शिखर पर चढाया है।

तप के प्रभाव की व्याख्या करते हुए मुनि जयेश कुमार ने कहा ऐसी बड़ी तपस्याएं रोलरकॉस्टर की तरह होती हैं। अनेक उतार चढ़ाव आते हैं। रोज नए अनुभव होते हैं। व्यक्ति जब खाता है तब उसे सिर्फ बाहरी शक्ति का बोध होता है परन्तु निराहार अवस्था में उसे अपनी अंत: शक्ति का अहसास होता है। अपनी आत्म शक्ति को साधने का सशक्त माध्यम तपस्या है।

इस अवसर पर उन्होंने गीत के जरिए तपस्वी के प्रति अनुमोदना के स्वर प्रकट किए।
इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित चिक्कमगलूरु विधायक एचडी. तम्मय्या ने तपस्वी जसवन्त डोसी की तपस्या के प्रति शुभकामना व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा तप जैन धर्म के अनुयायी ही कर सकते हैं। जैन धर्म में इस प्रकार की तपस्या करना बड़े साहस और भाग्य की बात है। मैं अपने क्षेत्र और जनता की ओर से आपकी तपस्या की बधाई देता हूं। आज मुझे इस अवसर पर याद किया तथा मुनिवरों के दर्शन हुए। मैं अपने आपको भाग्यशाली मानता हूं।

तप अनुमोदना पर सहायक जिला सर्जन डॉ. चन्द्रशेखर शालीमठ ने कहा कि तप जीवन की स्वस्थता का आधार है। तप करने वाला व्यक्ति अनेक बीमारियों से मुक्त हो जाता है। हमारे पास अनेक मरीज आते हैं। उन्हें हम खाने में गलत वस्तुओं का उपयोग मत करने की सलाह देते हैं। आज मुझे खुशी है कि इतनी बड़ी तपस्या करने वाले जसवन्त का अभिनन्दन करने का अवसर मिला है।

विधान परिषद सदस्य सीटी रवि की पत्नी पल्लवी रवि ने भी विचार व्यक्त किया।
मासखमण तपाराधना अनुमोदन समारोह में तपस्वी के भाई अरविन्द डोसी, अमरीका से समागत दिनेश डोसी, तपस्वी के पुत्र-पुत्री सुनय खनक तपस्वी के ससुर भवरलाल नाहर, परिवार की महिलाएं भारती और उर्मिला की टीम ने अभिवन्दना के स्वर मुखर किए।

इस अवसर पर सभा अध्यक्ष महेन्द्र डोसी, मंत्री पदमचंद नाहर, तेयुप अध्यक्ष जयेश गादिया ने तपस्वी की अनुमोदना की। महिला मंडल की सदस्यों ने तपाभिनन्दन गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन मुनि भव्यकुमार ने किया।
विराट धम्म जागरण का आयोजन हुआ जिसमे सूरत से समागत नीलेश बाफना ने एक शाम तपस्या का नाम से तपस्वी की अनुमोदना की और जन सैलाब को भक्तिमय रस में डुबो दिया।