अजमेर के पीसांगन कस्बे में इन दिनों लगता है स्वास्थ्य सेवाओं को ग्रहण लग गया है और यहां फिलहाल सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। यहां अस्पताल परिसर के सामने पिछले 3 दिन से 3 टायरों पर जैक के सहारे खड़ी 108 एम्बुलेंस टायर का इंतजार कर रही हैं। लेकिन बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावे करने वाले प्रदेश में एम्बुलेंस को एक अदद टायर नसीब नहीं हुआ है। यह दीगर बात है, कि इस एंबुलेंस में व्हील चेयर, फायर सिस्टम, स्टेपनी नहीं होने के साथ-साथ पेंट कंडीशन खराब होने के अलावा एंबुलेंस के अब तक 3 लाख 26 हजार 366 किलोमीटर चलने के कारण मैकेनिकल कंडीशन भी खराब है। इन सबके बावजूद आश्चर्यजनक पहलू यह है कि इस एंबुलेंस को गत 20 जून को जयपुर के जगतपुरा स्थित परिवहन कार्यालय से फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त हो चुका है। जबकि नियमानुसार 108 सेवा व एम्बुलेंस में कमियां पाए जाने पर सरकार की ओर से भारी भरकम जुर्माने का प्रावधान है। चिकित्सा विभाग की रीढ़ बन चुकी 108 एंबुलेंस ठेका कंपनी की लापरवाही की वजह से अनियमितताओं व असुविधाओं का शिकार हो रही है। बावजूद इसके चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग ठेका कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के बजाय कार्रवाई के नाम पर सिर्फ दिखावा कर रहा है। प्रशासनिक लापरवाही का खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है।