डॉक्टरी पेशा ‘भगवान तुल्य’ माना जाता है, लेकिन अब यही ‘भगवान’ अपनी जीवन की डोर काटने पर आमादा हो चले है। पिछले दिनों जयपुर के महिला चिकित्सालय में रेजीडेंट डॉक्टर के खुदकुशी करने की बात अभी ठंडी भी नहीं हुई थी, कि अब बीकानेर से मेडिकल छात्रा ने फंदा के जरिए मौत को गले लगा लिया। हालांकि दोनों ही केसों में फिलहाल स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि दूसरों का जीवन बचाने वाले खुद अपना जीवन खत्म कर रहे हैं। एसपी मेडिकल कॉलेज, बीकानेर में 2014 बैच की छात्रा मनीषा कुमावत हनुमानगढ़ की रहने वाली थी और यहां एमबीबीएस इंटर्नशिप कर रही थी। उसकी इंटर्नशिप पूरी होने में महज छह महीने ही बचे थे। खुदकुशी के बाद मनीषा की फेसबुक आइडी भी सर्च नहीं हो रही थी। ऐसे में प्रथमदृष्टया आशंका जताई जा रही है कि छात्रा ने खुदकुशी से पहले अपनी आइडी को फेसबुक से हटा दिया है। मौके से कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है। बहरहाल, मौका मुआयना के बाद पुलिस तफ्तीश में जुटी है।