सरकार कि ओर से महिला सुरक्षा को लेकर किए दावों की जयपुर के वैशाली नगर थाने में हुई घटना ने पोल खोल दी है. न्याय नहीं मिलने पर पीड़िता ने थाने के सामने ही खुद को आग लगा ली. 80 फीसदी झुलसी महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई. पुलिस अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की है. सरकार चाहे किसी भी पार्टी की हो महिलाओं को लेकर पुलिस थाने में केस भी दर्ज नहीं होते है. राजस्थान में हाल ही में सीएम ने पुलिस मुख्यालय पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दि. महिला सुरक्षा को लेकर पुलिस कितनी गंभीर है ये इस घटना से अंदाजा लगाया जा सकता है. प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में महिला सुरक्षा के हालात ऐसे ही है. लेकिन खासतौर से राजस्थान में इन हालात बद से बदतर होते जा रहे है. इनमें सुधार हो भी कैसे जब सुरक्षा के रखवाले (पुलिस) ही आँखे मूंद बैठे है. जब रेप जैसी घटना को लेकर पुलिस गंभीर नहीं तो सामान्य घटनाएं जैसे चोरी, लूट, धमकी, ब्लैकमेलिंग जैसी घटनाओं को लेकर पुलिस कितनी गंभीर होगी. ये सबको पता है. रही बात सरकार कि तो सरकार अपने मुंह मिट्ठू बनने में शायद अभी व्यवस्थ है. तभी तो ऐसे मामलों पर गंभीरता दिखाने के बजाय नई योजनाओं और जनता के लिए नए वादे करने में लगी हुई है.
सरकार अगर गंभीरता दिखाना होता तो अभी तक वैशाली नगर थाने अधिकारियों पर अब तक कार्रवाई हो चुकी होती.