मोखापाड़ा क्षेत्र स्थित वर्षों पुराने झालाहाउस में जलदाय विभाग का ऑफिस है। इस कार्यालय में भूतल और प्रथम तल पर एक के बाद एक कई कमरे बने हुए हैं, पर एक भी कक्ष ऐसा नहीं होगा जो सही सलामत दिखेगा। जलदाय विभाग के इस कार्यालय में पूर्व में अधीशासी अभियंता के कक्ष के छत का प्लास्टर भी गिर चुका है। इसके बाद कई कक्षों पर ताले भी पड़ गए हैं, इसके बावजूद सरकार इस कार्यालय की सुध नहीं ले रही है। यह भवन इतना जर्जर हो चुका है कि कभी भी इसका कोई भाग धराशाही हो सकता है। वहीं झाला हाउस के एक भाग में महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र है। इस केन्द्र के दर व दीवारों के हालात को देखेंगे तो ये लगेगा कि इस केन्द्र को खुद सिविल इंजीनियरों से परामर्श की जरूरत है। जर्जर दीवारों के बीच यहां सेवा करने वाली कर्मचारी सुरक्षित महसूस नहीं करती। केन्द्र की ओर से पूर्व में कई बार भवन की दुर्दशा से अधिकारियों को अवगत भी करवाया है, लेकिन फिलहाल कोई फायदा नहीं हुआ। मोखापाड़ा में तबेला हाउस में भूजल विभाग का ऑफिस है। हाउस के हालात ये हैं कि न तो दफ्तर सुरक्षित है, न हीं कर्मचारी और यहां तक कि रिकॉर्ड भी सुरक्षित नहीं है। विभाग के कर्मचारियों की सीटों के ठीक उपर से कम छत दरक जाए कुछ नहीं कहा जा सकता। यहां भी सभी कक्षों की दीवारें उघड़ गई है। इनमें बरसात में पानी रिसता है। कर्मचारियों का बैठना भी मुश्किल हो जाता है। हालात से हैं कि विभाग के अधिकारियों व कर्मचारी उलझन में है कि विभाग की फाइलों को कैसे सुरक्षित रखा जाए। कई पट्टियो को एंगल का सहारा देकर रोका है। स्थिति यह है कि एक पट्टी का इलाज करते हैं, दूसरी जवाद दे जाती है। विभाग की ओर से इसकी कई बार शिकायत की है।