जोधपुर के मेहरानगढ़ में 11 साल पहले हुए हादसे की जांच रिपोर्ट को लेकर राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही सरकारों ने सार्वजनिक करने से मना कर दिया इसके लिए कानून व्यवस्था बिगड़ने का हवाला दिया।
मेहरानगढ़ में हुए हादसे के बाद लोगों का आक्रोश देखकर सरकार ने चोपड़ा आयोग बनाया। जांच रिपोर्ट तैयार है लेकिन सार्वजनिक नहीं। मेहरानगढ़ हादसे से पहले और बाद न जाने कितने हादसे हुए। हर हादसे के बाद एक ही बात, जांच की जाएगी। आज तक किसी हादसे की जांच सामने नहीं आई, और ना ही इस तरह के हादसों के जिम्मेदार को कोई सजा हुई। वजह यहीं है, लापरवाही के हादसे होते रहे है। मेहरानगढ़ हादसे की जांच रिपोर्ट में ऐसा क्या है जो कि राजस्थान की दोनों सरकारें इसे सार्वजनिक करने से बचती रही। मेहरानगढ़ हादसे की रिपोर्ट पर पर्दा क्यों? रिपोर्ट में ऐसा क्या, जिस पर पर्दा डालना जरूरी है? जिम्मेदारों और लापरवाही की जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं कि जा रही है। क्या 11 साल पहले हुए हादसे की रिपोर्ट सामने नहीं आएगी?