देशभर के डॉक्टरों के विरोध के बीच NMC C Bill राज्यसभा से पास हो गया। अब एमसीआई के स्थान पर नेशनल मेडिकल कमीशन का गठन होगा। अब तक मेडिकल शिक्षा और मेडिकल संस्थानों सें संबंधित काम एमसीआई करती थी, डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन से संबंधित काम एमसीआई की जिम्मेदारी थी, लेकिन अब ये सारा काम नेशनल मेडिकल कमीशन करेगा, केंद्र सरकार एक एडवाइजरी काउंसिल बनाएगी जो मेडिकल शिक्षा और ट्रेनिंग के बारे में राज्यों को समस्यां साथ सुझाव का मौका देगी। काउंसिल मेडिकल शिक्षा को किस तरह बेहतर बनाया जाए इसे लेकर भी सुझाव देगी। कानून के लागू होने के साथ देश के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए एक ही परीक्षा होगी। इस परीक्षा का नाम होगा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस (NEET) । नेशनल मेडिकल कमीशन ही निजी मेडिकल संस्थानों की फीस तय करेगा। बिल के तहत एक ब्रिज कोर्स कराया जाएगा। जिसके बाद आयुर्वेद, होम्योपेथी डॉक्टर भी एलोपैथिक इलाज कर पाएंगे
इससे पहले नेशनल मेडिकल कमीशन (National Medical Commission) बिल के विरोध में देश भर के डॉक्टर हड़ताल पर है। आज राजस्थान समेत देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल रही। अस्पताल में आने वाले मरीजों को हड़ताल से काफी परेशानी हुई। बिल को लेकर इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि इस बिल में मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षा महंगी हो जाएगी। साथ ही इस बिल में कई प्रावधान ऐसे है जो निजीकरण ( PPP ) को बढ़ावा दे रहे है। साथ ही चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता पर भी इस बिल से असर पड़ेगा। इधर सरकार इतिहास में भारतीय चिकित्सा क्षेत्र में सबसे बड़ा सुधार का दावा किया है। सरकार के अनुसार एमसीआई में भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद इस संस्था के कायाकल्प की जरूरत हुई। आईएमए की उठाई गई आशंकाओं का समाधान भी होगा।
दरअसल मुद्दा स्वास्थ्य सेवाओं का है। बिल के विरोध में आज डॉक्टर हड़ताल पर रहे। हड़ताल के बीच बिल राज्यसभा में पास हो गया। अब सरकार ( Modi govt ) के दावों को देखना होगा की स्वास्थ्य सेवाओं में कितना बदलाव देखने को मिलता है।