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प्रदेश में 5 महीनों में बलात्कार के 2298 मामले दर्ज, पुलिस की कार्रवाई धीमी

प्रदेश में 5 महीनों में बलात्कार के 2298 मामले दर्ज, पुलिस की कार्रवाई धीमी

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एक कहावत है कि समय पर न्याय मिल जाए तो पीड़ित खुश होते हैं और अपराधियों में खौफ पैदा होता है, लेकिन इसी न्याय में देरी पीड़ितों के लिए खौफ और अपराधियों के लिए खुशी बन जाती है। कुछ ऐसा ही हो रहा है इन दिनों प्रदेश में। बलात्कार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन बेटियों के अपराधी पुलिस की पहुंच से दूर हैं। सिर्फ उन मामलों में कार्रवाई हो रही है, जो तूल पकड़ रहे हैं या जिन पर लोगों की भीड़ को संभालना पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा है। बाकी मामले पुलिस कार्रवाई की बाट जोह रहे हैं, इसी पर हम कहते हैं कि समर अभी शेष है

शास्त्री नगर में दो बच्चियों से हुए बलात्कार के घटनाक्रम पर हंगामे के बाद पुलिस ने भले ही कार्रवाई करते हुए कुछ ही दिनों में आरोपी को पकड़ लिया हो, लेकिन इस एक साल में महिलाओं और बच्चियों के प्रति अपराध में लगातार बढ़ोतरी हुई है। इस साल की बात करें तो प्रदेश में इन पांच महीनों में महिलाओं के प्रति अपराध के कुल 15594 मामले प्रदेशभर में दर्ज किए गए हैं। शुरुआती पांच महीनों में अपराधों का यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है। दहेज हत्या की बात करें तो कुल 176 मामले दर्ज किए गए। वहीं दहेज से परेशान होकर आत्महत्या करने वाली महिलाओं के 76 मामले दर्ज हुए। वहीं घरेलू हिंसा से पीड़ित 7 हजार 58 महिलाएं पुलिस तक पहुंची।

बात करें बेटियों की असुरक्षा की तो इन पांच महीनों में ही बलात्कार के कुल 2298 मामले दर्ज हुए हैं जो पिछले सालों की तुलना में ज्यादा हैं। वहीं मई तक छेड़छाड़ के 3 हजार 54 मामले दर्ज किए गए। वहीं बेटियों और महिलाओं के अपहरण की बात करें तो 2442 मामले पुलिस तक पहुंचे हैं। यह तो वो आंकड़े हैं, जो पुलिस तक पहुंचे। कई मामले ऐसे भी हैं, जो घरों के भीतर ही रह गए या समाज के दबाव में पुलिस थानों तक नहीं पहुंचे।